टिटनेस बीमारी बहुत जानलेवा है, इससे हर साल हजारों लोगों की जान चली जाती हैं। यह इंसान के सीधे नर्वस सिस्टम पर अटैक करती है। इससे जबड़े जकड़ने लगते है, मुंह बंद हो जाता है और बदन अकड़ कर धनुष की तरह मुड़ जाता है। इसे लॉकजॉ और धनुस्तंभ भी कहा जाता है।
टिटनेस बीमारी को आप हल्के में नहीं ले सकते है। इसमें शरीर की मांसपेशियां सिकुड़ने और ऐंठने लगती हैं। शरीर की हड्डियां और यहां तक की रीढ़ की हड्डी तक टूट जाती है। लास्ट स्टेज में हार्ट और किडनी पर भी सीधा अटैक करती हैं।
कैसे होता है टिटनेस?
टिटनेस इन्फेक्शन ‘क्लॉस्ट्रिडियम टेटानी’ नाम के बैक्टीरिया से होता है। जब इंसान के शरीर में लोहे से चोट लगती है या घाव होता है तो यह बैक्टेरिया सीधा वहीं अटैक करता है। यह बैक्टेरिया इतना ताकतवर होता है कि एंटीसेप्टिक से भी नहीं मरता। ऐसे बैक्टेरिया धूल, मिट्टी, गोबर और जानवरों के मल में मौजूद रहते हैं। यहीं कारण है कि जब इंसान को चोट लगता है तो उसे तुरंत फर्स्ट ऐड की सलाह दी जाती है ताकि टिटनेस का इंफेक्शन न हो।
केवल लोहे से नहीं होता टिटनेस?
अगर आप सोच रहे है कि टिटनेस केवल लोहे से फैलता है तो यह गलतफहमी अपने दिमाग से निकाल लें। धूल-मिट्टी, प्लास्टिक या कोई भी ऐसी चीज जिसमें बैक्टीरिया है, अगर उससे चोट लगती है, तो भी टिटनेस हो सकता है।
कैसे होता है टिटनेस
टिटनेस का इफेंक्शन तभी होता है जब स्किन पर किसी भी तरह का चोट या कट लग जाए। उस घाव के जरिए बैक्टीरिया शरीर के अंदर तक पहुंच जाता है।
शरीर में कैसे फैलता है टिटनेस?
टिटनेस शरीर में पहुंचते ही टेटानोलीसिन का जहर छोड़ता हैं। यह जहर सीधा नर्वस सिस्टम पर अटैक करता हैं और टिश्यूज को डैमेज करता हैं। इससे मसल्स को एक्टिव रखने वाला सिस्टम पूरी तरह से हिल जाता है। इससे शरीर में लकवा लग जाता है और मस्लस ऐंठने और सिकुड़ने लगते हैं।
शरीर में जहर फैलने के कारण न्यूरोट्रांसमीटर पूरी तरह से ठप पड़ जाता है। न्यूरोट्रांसमीटर एक तरह से शरीर से कम्यूनिकेट करता है। कब, कैसे क्या करना है यह न्यूरोट्रांसमीटर ही बताता है। जहर के फैलने के 14 दिनों के बाद शरीर बिगड़ने लगता है। दिमाग में इफेंक्शन पहुंचने के बाद इंसान का बचना मुश्किल है।
धनुष सा क्यों मुड़ जाता है शरीर?
टिटनेस का जहर मसल्स को प्रभाविक करता है इससे बॉडी अकड़ने लगती हैं। शरीर धनुष की तरह मुड़ जाता है। इसे एडवांस टिटनेस कहते हैं।
टिटनेस होने पर दिखते हैं ये लक्षण
सांस लेने, निगलने और मुंह खोलने में परेशानी
जबड़े, होंठ, गले की मसल्स में ऐंठन
पूरे शरीर और पेट में ऐंठन और मसल्स का सख्त होना
दौरे पड़ना
सिरदर्द, बुखार
ब्लड प्रेशन और हार्ट रेट का बदलना
हाथ-पैर अकड़ना