हम सभी लोग अपना ज्यादातर समय फोन पर बिताते हैं। हम एक पल के लिए अपनी आंखों से फोन को दूर नहीं होने देते है। कुछ लोग बिना कारण ही बार-बार अपना फोन चेक करते रहते है। अगर वह एक मिनट के लिए अपने फोन को ना देखें तो उन्हें बेचैनी महसूसी होने लगती है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो यह चिंता की बात है।

 

इस स्थिति को नोमोफोबिया कहते हैं। इसका मतलब है नो मोबाइल फोबिया यानी मोबाइल ना होने का डर। मोबाइल फोन नहीं देखने पर बेचैनी और घबराहट महसूस होती है तो उसे नोमोबिया कंडीशन कहते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, 60 प्रतिशत लोग इस बीमीरी के शिकार है।

 

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नोमोफोबिया के लक्षण

 

  • फोन भूल जाने पर घबराहट होना।
  • जहां नेटवर्क ना हो वहां जाने से डरना।
  • बैटरी खत्म होने पर परेशान होना।
  • बार बार फोन पर मैसेज चेक करना।
  • रात को उठकर आचनक से फोन खोजना।
  • फोन चलाने के लिए लोगों से मिलना जुलना बंद कर देना।
  • फोन का इंटरनेट नहीं चलने पर चिड़चिड़ा महसूस करना।

नोमोफोबिया से हो सकती हैं ये परेशानियां

 

नोमोफोबिया शब्द का पहली बार इस्तेमाल साल 2009 में हुआ था।  WHO ने इसे मानसिक बीमारी के रूप में क्लासीफाई नहीं किया है लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह पूरे विश्व के लिए चिंता की स्थिति है।

 

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मोबाइल फोन की लत से नींद आने में परेशानी होती है। 70% लोग मोबाइल फोन को देखते समय आंखें सिकोड़ते हैं इसे विजन सिंड्रोम कहा जाता है जिसमें आंखें सूखने और धुंधला दिखने की शिकायत होती है। लगातार फोन यूज करने से कंधे और गर्दन पर भी प्रभाव पड़ता है। रिपोर्ट की मानें तो नोमोफोबिया की वजह से एंग्जाइटी और स्ट्रेस बढ़ता है। मोबाइल फोन का इस्तेमाल एक-दूसरे से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है। लेकिन परेशानी तब होती है जब आप अपनी जिंदगी में ऑनलाइन रिश्तों को महत्वपूर्ण स्थान देने लगते हैं जिनसे आप कभी नहीं मिले हैं।

 

 

नोमोफोबिया से कैसे बचें

  • हर जगह फोन ले जाने की आदत से बचें। इससे आपको फोन की लत नहीं लगेगी।
  • मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम करें, खासतौर से सोने से आधे घंटे पहले फोन यूज ना करें।
  • खाली समय में कुछ प्रोडक्टिव काम करें जैंस कि वॉक पर जाएं, किताबें पढ़ें, कोई भी खेल जरूर खेलें।
  • मोबाइल की जगह अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं।
  • आजकल का सबसे ज्यादा समय रील देखने में जाता है। इंस्टाग्राम पर रील्स देखने से बचें।
  • फोन में नोटिफिकेशन को ऑन रखें लेकिन फालतू के नोटिफिकेशन को म्यूट कर दें। ऐसा करने से आप मोबाइल फोन को बार बार चेक करने की आदत पर नियंत्रण पा सकेंगे।

Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों और सामान्य बातचीत पर आधारित है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।