दिल्ली नगर निगम (MCD) पर आम आदमी पार्टी (AAP) का कब्जा बरकरार है। मेयर के चुनाव में AAP ने फिर से जीत हासिल की है। अब AAP के महेश कुमार खिंची MCD के नए मेयर चुने गए हैं। अभी तक दिल्ली की मेयर शैली ओबेराय थीं। इस चुनाव में बहुमत न होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा है। वहीं, कांग्रेस ने इस चुनाव से किनारा कर लिया था।

 

तमाम राजनीतिक गतिरोधों के चलते मेयर का यह चुनाव 7 महीने की देरी से हुआ है। यह चुनाव अप्रैल में ही होना था लेकिन तमाम वजहों से इसे स्थगित कर दिया गया था। यही वजह है कि नए मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल छोटा हो गया है। अब ये अपने पद पर एक साल के बजाय 5 महीने तक ही रहेंगे और उसके बाद फिर से चुनाव कराए जाएंगे। इस बार का चुनाव बेहद रोमांचक रहा और सिर्फ तीन वोट से बीजेपी उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा है।

जीतने के बाद क्या बोले महेश कुमार खिंची?

 

मेयर चुने जाने के बाद महेश कुमार खिंची ने कहा, 'चुनौतियां कुछ नहीं हैं। चुनौतियां यही हैं कि दिल्ली की जनता की सेवा करनी है। दिल्ली की भलाई के लिए काम करना है। वह हम पहले से ही करते आए हैं क्योंकि हमारे माननीय अरविंद केजरीवाल जी का आशीर्वाद हमारे ऊपर बना हुआ है। आज उन्हीं के आशीर्वाद से मैं मेयर बना हूं। जैसे केजरीवाल जी ने काम किए हैं, वैसे ही हम जनता की सेवा के लिए काम करते रहेंगे।'

 

दिल्ली के प्रदूषण पर उन्होंने कहा, 'प्रदूषण पर हमारी सरकार ने बहुत अच्छे काम किए हैं। सड़क पर हमारी गाड़ियां चलाई जा रही हैं। इसका कोई असर विधानसभा चुनाव पर कोई नहीं पड़ेगा। अरविंद केजरीवाल जी ने दिल्ली की जनता के लिए इतने काम किए हैं कि जनता उनसे बहुत खुश है और आम आदमी पार्टी फिर से पूर्ण बहुमत से सरकार बना रही है। मेरी प्राथमिकता दिल्ली शहर को साफ बनाने की है।'

 

MCD को समझिए

दिल्ली नगर निगम में अब कुल 250 पार्षद होते हैं और 2022 में एकीकृत किए जाने के बाद से एक ही मेयर बनता है। मेयर बनने के लिए जब चुनाव होता है तो उसमें 14 विधायक, 7 लोकसभा सांसद और 3 राज्यसभा सांसद भी वोट डालते हैं। इस तरह कुल वोटों की संख्या 273 पहुंच जाती है और बहुमत 137 पर होता है। दिल्ली में नगर निगम का कार्यकाल 5 साल का होता है लेकिन हर साल मेयर का चुनाव होता है। यानी एक मेयर का कार्यकाल 1 ही साल का होता है।

 

दिल्ली नगर निगम में मेयर का पद पहले वर्ष महिला के लिए, दूसरे साल अनारक्षित वर्ग के लिए तीसरा वर्ग अनुसूचित जाति के लिए और आखिरी दो साल फिर से सामान्य वर्ग के लिए होता है। इसी नियम के तहत इस बार SC समुदाय से आने वाले महेश कुमार खिंची मेयर चुने गए हैं। मेयर के साथ ही डिप्टी मेयर के भी चुनाव कराए जाते हैं। बता दें कि महेश कुमार खिंची के मुकाबले बीजेपी ने शकूरपुर से पार्षद किशनलाल को उम्मीदवार बनाया था।