पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐक्शन मोड में हैं। जहां हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया था और देश में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया था वहीं अब मंगलवार को मीटिंग में उन्होंने सशस्त्र बलों को खुली छूट देते हुए कहा है कि पहलगाम हमले की प्रतिक्रिया, तरीके और लक्ष्य को निर्धारित करने के लिए उन्हें पूरी छूट है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।

 

समाचार एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि एक हाई लेवल सिक्युरिटी मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आतंकवाद को करारा झटका देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।'

 

सुरक्षाबलों पर पूरा भरोसा

मोदी ने सशस्त्र बलों की क्षमता पर पूरा भरोसा और विश्वास जताया। पीटीआई के अनुसार, एक सूत्र ने मोदी के हवाले से कहा, 'उन्हें इस बात की पूरी ऑपरेशनल छूट है कि वे किस तरीके से, किस तरह और किसे टारगेट बनाते हैं।' 

 

मंगलवार को, पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और तीनों सशस्त्र सेवाओं के प्रमुखों सहित भारत के शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा अपने प्रतिक्रिया विकल्पों का आकलन करने के लिए आयोजित इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भी भाग लिया।

 

पीएम मोदी ने दी थी चेतावनी

इससे पहले, हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए, पीएम मोदी ने जिम्मेदार आतंकवादियों और उनके समर्थकों को पकड़ने की कसम खाई थी, विशेष रूप से पाकिस्तान का जिक्र करते हुए, जिसका भारत के खिलाफ आतंकवाद को स्पॉन्सर करने का इतिहास रहा है। पीएम मोदी ने उन्हें सजा दिलाने का वादा किया और यह भी कहा था कि सज़ा 'उनकी कल्पना से परे' होगी।

 

इससे पहले, मोदी सरकार ने 2016 में भारतीय सेना के जवानों पर उरी हमले के बाद पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी, और सीआरपीएफ कर्मियों पर पुलवामा हमले के बाद बालाकोट हवाई हमला किया था।

 

रद्द किया सिंधु जल समझौता 

पहलगाम हमले के जवाब में, भारत ने पड़ोसी देश के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करने सहित पाकिस्तान को निशाना बनाते हुए कई उपाय लागू किए हैं।

 

इससे पहले दिन में, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी जिसमें तीन अर्धसैनिक बलों के प्रमुख और दो अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। बैठक के एजेंडे का आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया गया है।