अरुणाचल प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नाबालिग लड़कियों से जुड़े सेक्स रैकेट में संलिप्तता को लेकर सख्त कदम उठाया है। आयोग ने इसमें शामिल एक पुलिसकर्मी सहित तीन राज्य सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने और उनकी सेवाएं समाप्त करने की सरकार से सिफारिश की है।
दरअसल, इसी साल अगस्त में कई नाबालिग लड़कियों के साथ सेक्स रैकेट का मामला प्रकाश में लाया गया था। मामला सामने आने के बाद आफआईआर दर्ज की गई थी।
पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया
राज्य पुलिस ने नाबालिगों लड़कियों के दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के सिलसिले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 3 मुख्य आरोपी हैं। यह सेक्स स्कैंडल साल 2019 से 2024 तक 4 साल तक जारी रहा। इस मामले का अरुणाचल प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोगने स्वत: संज्ञान लिया है।
किशोरियों को रैकेट में शामिल किया
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि मुख्य आरोपी चाया डुलोम स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की महिला परिचारिका है। चाया डुलोम के पति डेविड डुलोम जो जल संसाधन विभाग में सर्वेक्षक है, ने किशोरियों को इस रैकेट में शामिल किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ितों को दिन में कई बार बार-बार यौन शोषण का सामना करना पड़ा था।
कांस्टेबल की भूमिका की भी जांच
आयोग ने इस तरह के जघन्य अपराध में सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत पर चिंता जताई और सेवा खत्म करने सहित सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस कांस्टेबल हैनू नैहम ने पीड़ितों को बचाने के बजाय उन्हें आरोपियों के साथ सहयोग करने के लिए मजबूर किया। उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।
साथ ही आयोग ने सुझाव दिया है कि भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए सरकारी विभागों के अनुशासनात्मक अधिकारी जघन्य अपराधों में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं।