ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सोमवार को बांग्लादेश में हिंदू व्यक्ति दीपू चंद्र दास की हत्या की निंदा की। ओवैसी का बयान इस घटना के 10 दिन बाद आया है। दीपू चंद्र दास की हत्या 18 दिसंबर को हुई थी। ओवैसी ने उम्मीद जतायी कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने ये भी कहा कि पाकिस्तान की ISI और भारत विरोधी चीन के तत्व बांग्लादेश में मौजूद हैं और इसलिए पड़ोसी देश के साथ संबंध सुधारना महत्वपूर्ण है।
बांग्लादेश को याद दियाला संविधान
ओवैसी ने कहा, 'बांग्लादेश का बनना सेक्युलर बंगाली राष्ट्रवाद पर आधारित था। बांग्लादेश में काफी गैर-मुस्लिम आबादी रहती है और बांग्ला भाषा बोलती है। अगर आप बांग्लादेश का संविधान पढ़ें, तो आर्टिकल 41 धर्म की आजादी की गारंटी देता है, आर्टिकल 27 और 28 कानून के सामने बराबरी पक्का करते हैं, और आर्टिकल 12 धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखता है।'
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उन्होंने कहा, 'दीपू चंद्र दास के साथ जो हुआ, वह पूरी तरह से संविधान के नियम के खिलाफ है और दुर्भाग्यवश, ऐसी दुखद घटना घट गई। यह बहुत बुरा है कि ऐसी दुखद घटना हुई, और हमारी पार्टी किसी भी तरह की लिंचिंग की निंदा करती है। हम उम्मीद करते हैं कि बांग्लादेश के प्रशासक यूनुस और उनका प्रशासन ऐसी घटनाओं के खिलाफ कड़ा कदम उठाएगा।'
सरकार को समर्थन देने का वादा
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा बांग्लादेश के साथ संबंध मजबूत करने के लिए उठाए जा रहे किसी भी कदम का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि भारत या बांग्लादेश में किसी भी प्रकार की भीड़ द्वारा हत्या यह दर्शाती है कि कानून का शासन कायम नहीं रखा जा रहा है।
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शर्म की बात है कि...
वहीं, AIMIM चीफ ओवैसी ने पश्चिम बंगाल के मजदूर जोएल शेख की ओडिशा के संबलपुर में और एंजल चकमा नामक एमबीए छात्र की उत्तराखंड के देहरादून में हत्या का हवाला देते हुए कहा कि ये घटनाएं दिखाती हैं कि कानून अपने हाथ में लेने वाले धर्म या शक्ल के आधार पर लोगों की हत्या कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, 'यह शर्म की बात है कि हमारे देश में ऐसी घटनाएं हो रही हैं। ये लोग किस अधिकार से किसी की नागरिकता पर सवाल उठाते हैं? अगर किसी को शक है भी, तो उसे स्थानीय पुलिस के पास जाकर शिकायत करनी चाहिए।'
