सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ रहा है। हर दिन बड़े खुलासे हो रहे है। इस बीच बेंगलुरु पुलिस की एक टीम गुरुवार को यूपी के जौनपुर पहुंची लेकिन उन्हें अतुल के ससुरवालों में से कोई नहीं मिला। उनके घर पर ताले लगे हुए थे और सभी के फोन स्वीच ऑफ आ रहे थे। दरअसल, अतुल ने अपने 24 पन्ने के सुसाइड नोट में सिंघानिया परिवार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है।

 

इस मामले में जौनपुर कोतवाली इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार मिश्रा ने बताया कि अतुल की सास निशा और उसका बेटा अनुराग बुधवार रात मोटरसाइकिल से घर से निकले थे। जब वहां डेरा डाले कुछ पत्रकारों ने पूछा कि वे कहां जा रहे हैं, तो अनुराग ने बताया कि उसकी मां की तबीयत खराब है। 

 

तलाशी अभियान शुरू

पड़ोसियों के अनुसार, सिंघानिया परिवार दो महीने पहले ही यहां आया था। पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और घर के गेट पर एक नोटिस चिपका दिया है। इस नोटिस में सिंघानिया परिवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होने का आदेश दिया है। बेंगलुरु पुलिस के डीसीपी शिवकुमार गुनारे ने कहा, 'हम स्थानीय पुलिस के लगातार संपर्क में हैं और वे संदिग्धों का पता लगाने के लिए हमारे साथ काम कर रहे हैं।' 

 

 

बेंगलुरु अपार्टमेंट में आत्महत्या

34 वर्षीय अतुल ने सोमवार सुबह अपने बेंगलुरु अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली थी। अतुल के भाई विकास ने अतुल की पत्नी और उनके परिवार वालों के खिलाफ FIR दर्ज कराया है। दरअसल, निकिता ने अतुल से केस रफा-दफा करने के लिए 3.3 करोड़ की मांग की थी। इसके अलावा उनके चार साल के बेटे से मिलने के अधिकार के लिए 30 लाख रुपये की भी मांग की थी।  

 

बेंगलुरु पुलिस ने निकिता, उनकी मां निशा, भाई अनुराग और चाचा सुशील सिंघानिया के खिलाफ मामला दर्ज किया। उनके वकील दिनेश मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि अतुल महीने का 84 हजार रुपये कमा रहे थे और जौनपुर की पारिवारिक अदालत ने जुलाई में उन्हें अपने बेटे के लिए 40 हजार रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया गया था। 

24 पन्नों का सुसाइड नोट

अतुल ने जाते-जाते 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 81 मिनट का वीडियो छोड़ गए है, जिसमें उन्होंने निकिता और उसके ससुराल वालों द्वारा कथित उत्पीड़न का आरोप लगाया है। साथ ही फैमिली कोर्ट के जज पर पक्षपात का आरोप लगाया है।

 

वकील के अनुसार, अतुल ने फैमिली कोर्ट में पेश होने के दौरान कभी भी हिंसक व्यवहार या मूड स्विंग नहीं दिखाया। मुझे संदेह है कि उसकी पत्नी और अन्य लोगों ने उससे और पैसे मांगे होंगे, जिससे उसे लगा कि वे उसे ब्लैकमेल कर रहे हैं या जबरन वसूली कर रहे हैं। इसी विचार ने उसे यह कदम उठाने के लिए प्रेरित किया होगा। अतुल और निकिता एक मैट्रिमोनियल साइट के ज़रिए मिले और 26 अप्रैल, 2019 को वाराणसी में उनकी शादी हुई।