अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई को भारत पर 25 फीसदी टैरिफ और अतिरिक्त पेनाल्टी लगाने का ऐलान किया। अब संसद में सरकार ने पूरे घटनाक्रम पर अपना जवाब दिया। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार इसके प्रभाव की जांच कर रही है। राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी।
पीयूष गोयल ने बताया कि 2 अप्रैल 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति ने रेसिप्रोकल टैरिफ पर एक कार्यकारी आदेश जारी किया था। इसके तहत अपने व्यापारिक साझेदारों से आयात पर 10 से 50 प्रतिशत तक एडिशनल ड्यूटी लगाने की बात कही गई थी। 10 फीसदी की बेसलाइन ड्यूटी 5 अप्रैल से लागू है। 10 फीसदी बेसलाइन के साथ भारत पर कुल 26 फीसदी टैरिफ की घोषणा की गई थी। पूर्ण देश-विशिष्ट अतिरिक्त टैरिफ 9 अप्रैल 2025 को लागू होने वाला था। मगर 10 अप्रैल को इसे 90 दिनों तक बढ़ाया गया और बाद में 1 अगस्त 2025 तक बढ़ा दिया गया।
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राष्ट्र हित में जरूरी कदम उठाएगी सरकार
गोयल ने आगे कहा कि 30 जुलाई को अमेरिकी राष्ट्रपति ने टैरिफ लगाने की घोषणा की। सरकार हलिया घटनाक्रम से होने वाले प्रभावों का परीक्षण कर रही है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, निर्यातकों और उद्योग समेत सभी हितधारकों से संवाद कर इस विषय पर उनके आकलन की जानकारी ले रही है। सरकार किसानों, मजदूरों, उद्यमियों, उद्योगपतियों, निर्यातकों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों और औद्योगिक क्षेत्र के हितधारकों के कल्याण की रक्षा और संवर्धन को सर्वोच्च महत्व देती है। हम अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।
द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हुई चार दौर की बैठक
भारत और अमेरिका ने मार्च 2025 में एक न्यायपूर्ण, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के लिए बातचीत शुरू की। इसका लक्ष्य अक्टूबर-नवंबर 2025 तक समझौते के पहले चरण को पूरा करना था। दोनों पक्षों ने 29 मार्च 2025 को नई दिल्ली में आयोजित पहली फिजिकल मीटिंग की चर्चा के दौरान द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बातचीत शुरू करने के लिए विस्तृत टर्म ऑफ रिफरेंस को अंतिम रूप दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच नई दिल्ली और वाशिंगटन डीसी में चार दौर की बैठक की, ताकि निर्धारित टर्म ऑफ रिफरेंस के अनुसार द्विपक्षीय व्यापार समझौते के अंतिम रूप के लिए काम किया जा सके।