चीन में फैल रहा ह्यूमन मेटाप्यूमोवायरस (HMPV) अब भारत में भी पैर पसारने लगा है। गुजरात, महाराष्ट्र के बाद अब असम में भी इस वायरस की एंट्री हो गई है। असम में 10 महीने का बच्चा इससे संक्रमित मिला है। संक्रमित बच्चे को डिब्रूगढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की हालत स्थिर है।

4 दिन पहले भर्ती हुआ था बच्चा

असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (ACMH) के सुपरिंटेंडेंट ध्रुवज्योति भुइयां ने बताया कि 'सर्दी-जुकाम की शिकायत के बाद बच्चे को 4 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था।' उन्होंने बताया कि 'सर्दी-जुकाम के मामलों में मरीज के सैंपल ICMR के पास टेस्टिंग के लिए भेजे जाते हैं। लैब टेस्टिंग में बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।'

इस सीजन का पहला केस

ICMR के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर से जुड़े सीनियर साइंटिस्ट ने बताया कि '2014 के बाद से अब तक डिब्रूगढ़ में HMPV के 110 मामले सामने आ चुके हैं। इस सीजन का पहला केस अब आया है।' उन्होंने कहा कि 'हर सीजन में HMPV के मामले सामने आते हैं। इसमें नया कुछ भी नहीं है।'

 

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क्या इससे घबराने की जरूरत है?

डॉक्टरों का कहना है कि HMPV नया वायरस नहीं है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। कई स्टडीज में सामने आया है कि HMPV 1970 के दशक से ही इंसानों में फैल रहा है। हालांकि, पहली बार इसे 2001 में डिटेक्ट किया गया था। ये एक सामान्य संक्रमण है, जिसमें हल्के लक्षण होते हैं। दुनियाभर में हर साल रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़े जितने मामले सामने आते हैं, उनमें से सिर्फ 4 से 16 फीसदी ही HMPV के होते हैं। वयस्कों में इस वायरस को लेकर इम्युनिटी बन चुकी है, लेकिन बच्चों में अभी ऐसा नहीं है। इसलिए छोटे बच्चे इस वायरस की चपेट में जल्दी आ जाते हैं।

भारत में अब तक कहां-कहां आए केस

भारत के 7 राज्यों में HMPV के अब तक 15 मामले सामने आ चुके हैं। सबसे पहला मामला 6 जनवरी को कर्नाटक के बेंगलुरु में आया था। उस दिन बेंगलुरु में 8 महीने का बच्चा और 3 महीने की बच्ची में इस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उसी दिन गुजरात, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में भी HMPV के केसेस सामने आए थे।


कर्नाटक में अब तक 2 मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा गुजरात में 4, महाराष्ट्र में 3 और तमिलनाडु में 2 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और असम में 1-1 केस सामने आए हैं।

 

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सरकार की क्या है तैयारियां?

चीन में HMPV के मामले बढ़ने के बाद भारत भी अलर्ट है। केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक ने तैयारियां कर रखी है। राज्य सरकारों ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इमरजेंसी टीम बना दी हैं। अस्पतालों में भी स्पेशल वार्ड बनाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि सर्दी में HMPV के इन्फेक्शन आम हैं।

क्या करें और क्या न करें?

- क्या करेंः खांसते या छींकते समय मुंह को ढककर रखें। साबुन या सैनेटाइजर से हाथ साफ करते रहें। भीड़भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें। बीमार हैं या सर्दी-जुकाम है तो घर पर ही रहें। लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लें।


- क्या न करेंः बुखार, खांसी या सर्दी-जुकाम होने पर सार्वजनिक जगहों पर न जाएं। टिशू पेपर या रुमाल का दोबारा इस्तेमाल न करें। बार-बार मुंह या नाक-आंख पर हाथ न लगाएं। 

क्या है HMPV?

चीन में जो वायरस फैल रहा है, वो नया नहीं है। 2001 में ही इसकी पहचान हो गई थी। सर्दियों में ये वायरस फैलता है। इसमें वैसे ही लक्षण दिखते हैं, जो फ्लू होने पर दिखते हैं। संक्रमित व्यक्तियों या किसी संक्रमित सतह को छूने पर ये वायरस फैल सकता है। बताया जा रहा है कि चीन में अभी बच्चे और बुजुर्ग इससे सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। भारत में अब तक छोटे बच्चे और बुजुर्ग ही इससे संक्रमित हुए हैं। 


जिस तरह से कोविड रेस्पिरेटरी सिस्टम पर अटैक कर रहा था, उसी तरह से HMPV भी रेस्पिरेटरी सिस्टम पर ही हमला करता है। वायरस की चपेट में आने के बाद बुखार, सांस लेने में दिक्कत, खांसी, गले में खराश जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।


बचने का वही तरीका है जो कोविड में अपनाया गया था। यानी बार-बार हाथ धोते रहें, भीड़ से थोड़ा बचकर रहें और लक्षण दिखने पर घर पर ही रहें।