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कोरोना और एचएमपीवी वायरस में क्या है मामूली अंतर, कौन ज्यादा खतरनाक

एचएमपीवी और कोरोना वायरस दोनों ही व्यक्ति के सांस तंत्र को प्रभावित करते हैं, लेकिन उनकी गंभीरता और संक्रमण के स्तर काफी अलग हैं।

difference between hmpv and corona

प्रतीकात्मक तस्वीर। Photo credit- Freepik

साल 2025 की शुरुआत होने के साथ ही भारत को एक नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने चिंता में डाल दिया है। देश में कोरोना महामारी के आने के लगभग पांच साल बाद एचएमपीवी वायरस देश में दस्तक देने के बाद अपने पैर पसारने लगा है। अबतक इस वायरस से संक्रमित 8 मरीज भारत में सामने आ चुके हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रह है। 

 

कर्नाटक में 2, महाराष्ट्र में 2, गुजरात में 1, पश्चिम बंगाल में 1 और तमिलनाडु में 2 मरीज सामने आ चुके हैं। बढ़ते वायरस के मामलों को देखते हुए कई राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान में लोगों से सावधानी बरतने और पैनिक नहीं होने से बचने के लिए कहा है।

 

लोगों से शांत रहने की अपील कर रही सरकारें

 

केंद्र से लेकर राज्य सरकारें भले ही एचएमपीवी को लेकर लोगों से शांत रहने की अपील कर रही है, लेकिन देश में एचएमपीवी के बढ़ते मामलों को लेकर लोग तमाम तरह की बातें करने लगे हैं और वह काफी परेशान है। लोग एचएमपीवी की तुलना कोरोना वायरस से करने लगे हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी हो गया है कि एचएमपीवी वायरस कोरोना वायरस से कितना अलग है?

 

कुछ लोगों के मन में यह भी आ रहा है कि एचएमपीवी और कोरोना में से सबसे ज्यादा खतरनाक कौन है? आईए जानते हैं कि एचएमपीवी और कोरोना वायरस में से कौन ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।

 

एचएमपीवी और कोरोना के लक्षणों में अंतर

 

दोनों ही वायरसों में सांस संबंधी लक्षण देखने को मिलता है और दोनों में ही सांस लेने में दिक्कत आती है। कोरोना वायरस SARS-CoV-2 वायरस की वजह से होता है। यह तेजी से फैलने वाला वायरस है, जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र (Respiratory Tract) को प्रभावित करता है।

 

एचएमपीवी एक सामान्य वायरस है। यह मुख्य रूप से छोटे बच्चों, बूढ़ों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को प्रभावित करता है। जहां कोरोना वायरस की प्रसार दर काफी अधिक है वहीं,  एचएमपीवी की प्रसार दर कोरोना से कम होती है और यह अधिकतर सर्दियों में फैलता है।

 

एचएमपीवी वायरस क्या है?

 

एचएमपीवी एक सांस संबंधी वायरस है। यह वायरस मुख्य तौर से इंसानों फेफड़ों और सांस की नली को प्रभावित करता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को खांसी, बुखार और नाक बंद होना और घरघराहट जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। एचएमपीवी खास तौर से बच्चों और बुजुर्गों को अधिक प्रभावित करता है। 

 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि यह कोई नया वायरस नहीं है, इसकी खोज 2001 में पहली बार की गई थी। यह वायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को सबसे पहले प्रभावित करता है। साथ ही इससे निमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर स्थितियां पैदा हो सकती हैं। 

 

कोरोना वायरस क्या है?

 

कोविड-19 कोरोनावायरस (SARS-CoV-2) की वजह से होने वाली बीमारी है। यह वायरस पहली बार चीन के वुहान शहर में साल 2019 में सामने आया था। यह काफी तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाला वायरस है। जहां, एचएमपीवी वायरस बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है वहीं, कोरोना हर उम्र के लोगों को संक्रमित करता है। 

 

यही नहीं कोरोना दुनियाभर में फैला और इसकी वजह से पूरे विश्व में लाखों लोगों की जान चली गई। साथ ही कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है बल्कि, इसका प्रभाव कई सालों के भी दुनियाभर में अलग-अलग रूपों में देखा जा रहा है।

 

कोरोना से संक्रमित व्यक्ति में बुखार, ठंड लगना, सूखी खांसी, सांस लेने में परेशानी (सामान्य से लेकर गंभीर), सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द शामिल है। डॉक्टर के अनुसार, कोविड-19 में लक्षण व्यक्ति की इम्यूनिटी और वायरस के वेरिएंट पर निर्भर करते हैं। गंभीर मामलों में कोविड-19 फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है और मौत का कारण बन सकता है।

 

कोरोना भी कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को सबसे पहले अपना शिकार बनाता है, इसके कई वेरिएंट होते हैं। गंभीर मामलों में कोरोना वायरस इंसानों के फेफड़ों को संक्रमित करता है, जिससे लोगों की मौत भी हो जाती है।

 

एचएमपीवी और कोरोना में कौन ज्यादा खतरनाक?

 

एचएमपीवी को लेकर कहा जा रहा है कि यह कोविड-19 जितना ही खतरनाक है। लेकिन कोरोना वायरस एचएमपीवी के अलग है। एचएमपीवी में संक्रमित व्यक्ति को गंभीर सांस संबंधी बीमारी होती है, यह कमजोर इम्यूनिटी वालों को ही प्रभावित करता है। लेकिन कोरोना वायरस के साथ में ऐसा नहीं है, कोविड के मामलों को देखा जाए तो यह 6 साल पहले 2019 में अस्तित्व में आया और इसने दुनिया भर में लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया।

 

अकेले भारत में ही कोरोना से मरने वालों की संख्या लाखों में है। लेकिन एचएमपीवी साल 2001 से दुनिया में मौजूद है, मगर इससे संक्रमित लोगों की मौत का आंकड़ा कम है। वहीं, एचएमपीवी के लक्षण आमतौर पर हल्के  होते हैं, जबकि कोविड-19 में लक्षण तेजी से गंभीर हो सकते हैं। इस तरह से एचएमपीवी से कोरोना वायरस के मुकाबले कम लोगों का जान को खतरा है।

 

स्वास्थ्य मंत्रालय की क्या है तैयारी?

 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि एचएमपीवी वायरस की निगरानी की जा रही है। इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ रिसर्च (IMCR) अब पूरे साल एचएमपीवी पर लोगों को जागरूक करेगी। कर्नाटक, महाराष्ट्र और दिल्ली की सरकारों ने एचएमपीवी संक्रमण को रोकने के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल अपनाने की लोगों को सलाह दी है।

Related Topic:#HMPV virus#Covid-19

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