देश के सुरक्षा बलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में रविवार को पहली महिला कमांडो यूनिट शुरू कर दी गई है। इस विशेष यूनिट को देश के हवाई अड्डों और अन्य संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा ड्यूटी के लिए तैनात किया जाएगा। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक अहम कदम माना जा रहा है।
इस यूनिट की महिला कंमाडो की ट्रेनिंग मध्य प्रदेश स्थित बरवाहा में सीआइएसएफ के रीजनल ट्रेनिंग सेंटर में शुरू हो चुकी है। सीआईएसएफ के प्रवक्ता के अनुसार, महिला कमांडो की ट्रेनिंग 8 हफ्तों तक चलेगी। यह कोर्स खासकर महिला सुरक्षा कर्मियों के लिए बनाया गया है। इस एडवांस कमांडो कोर्स में महिला कर्मचारियों को हाई सिक्योरिटी वाले प्रतिष्ठानों और प्लांट सुरक्षा के लिए क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के तौर पर तैयार किया जाएगा।
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क्या खास है इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में?
सीआईएसएफ ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर बताया कि महिला कमांडो की ट्रेनिंग के लिए 8 हफ्तों का यह स्पेशल कोर्स शुरू किया गया है। पोस्ट में लिखा है, 'शुरुआत में कम से कम 100 महिला कर्मियों को इस स्पेशल ट्रेनिंग कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। देश के अलग-अलग हिस्सों में हवाई अड्डों पर तैनात 30 महिलाओं के पहले बैच की ट्रेनिंग 11 अगस्त से शुरू हुई है। यह ट्रेनिंग 4 अक्टूबर तक चलेगी। दूसरे बैच की ट्रेनिंग 6 अक्टूबर से शुरू होकर 29 नवंबर तक चलेगी।'
इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में हेल्थ फिटनेस और हथियारों के उपयोग के लिए ट्रेनिंग, तनावपूर्ण परिस्थितियों में लाइव-फायर ड्रिल, रेस, बाधा-पार प्रैक्टिस, रैपलिंग जैसे सहनशक्ति बढ़ाने वाली ट्रेनिंग शामिल हैं। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर जंगल में जीवित रहने की कला, चुनौतीपूर्ण स्थितियों में तुरंत निर्णय लेने की क्षमता और टीम वर्क की ट्रेनिंग लेने के लिए यह कोर्स खास तौर पर तैयार किया गया। इसमें आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए 48 घंटे की स्पेशल ट्रेनिंग भी शामिल है।
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क्यों लिया यह फैसला?
केंद्रीय गृह मंत्रायल ने पहले ही सीआईएसएफ में महिलाओं की भागीदारी 10 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा है। सीआईएसएफ अब इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। सीआईएसएफ के अधिकारी ने बताया कि हमारा उद्देश्य इन महिला ट्रेनिंग कार्यक्रमों को अपने रेगुलर ट्रेनिंग ढांचे का परमानेंट हिस्सा बनाना है। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद इन महिला कर्मियों को पहले हवाई अड्डों पर तैनात किया जाएगा और उसके बाद उन्हें अन्य संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर भी जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी
इस समय सीआईएसएफ में 12,491 महिलाएं तैनात हैं। 2026 तक इस बल में 2400 महिलाओं को और भर्ती किया जाएगा। बता दें कि सीआईएसएफ देश के 69 हवाई अड्डों, संसद, दिल्ली मेट्रो के साथ तमाम महत्तवपूर्ण सरकारी और प्राइवेट प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करता है।
