जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI) पुणे की क्षेत्रीय इकाई ने बुधवार को जीएसटी धोखाधड़ी को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। डीजीजीआई ने 1,196 करोड़ रुपये की जीएसटी धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है। एजेंसी ने मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया है।

 

डीजीजीआई ने एक बयान में बताया कि पुणे, दिल्ली, नोएडा और मुजफ्फरनगर में कई जगहों पर तलाशी के दौरान फर्जी कंपनियों के नेटवर्क के बारे में पता चला है। यह कंपनियां फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के लेनदेन में लिप्त हैं।

 

फर्जी कंपनियां बनाईं

 

आरोपियों ने बिना किसी वैध व्यवसाय संचालन के फर्जी कंपनियां बनाई हुई थीं। ये कंपनियां असली बिजनेस का दिखावा करने के लिए फर्जी चालान और ई-वे बिल तैयार कर रही थीं।

हालांकि, बयान में कहा गया है कि इन ई-वे बिलों में कोई आरएफआईडी मूवमेंट नहीं था। बता दें कि आरएफआईडी मूवमेंट वो सामान की वास्तविक आपूर्ति की गैरमौजूदगी की पुष्टि करता है। धोखाधड़ी करने वाले नेटवर्क ने 1,196 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी का फायदा उठाने और उसे पास करने में मदद की।

 

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पकड़ा गया धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड

 

गिरफ्तार शख्स मुजफ्फरनगर की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का डायरेक्टर है। यही शख्स जीएसटी धोखाधड़ी के पीछे मास्टरमाइंड है। जांच में पता चला कि इस फर्जी कंपनी के गिरोह ने अपना पता, पहचान, ईमेल आईडी और फोन नंबरों का एक डेटाबेस तैयार किया हुआ था। इससे पूरा गिरोह नए जीएसटी रजिस्ट्रेशन बनवा लेता था। गिरोह किसी भी कार्रवाई से बचने के लिए इनका इस्तेमाल करता था। 

 

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फर्जी कंपनियों का यह गिरोह नकली डेटाबेस के आधार पर अपनी अवैध गतिविधियां चलाता था।