महाराष्ट्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। ठाणे जिले के डोंगरी में एक पिता दूसरी शादी करके घर आया तो उसने अपने 20 साल के बेटे से सौतेली मां को 'अम्मी' कहने के लिए बोला। बेटे ने पिता के कहने के बाद भी सौतेली मां को अम्मी कहने से साफ इनकार कर दिया। इसी बात से पिता इतना खार खाया कि उसने कैंची से गोदकर बेटे की हत्या कर दी।

 

यह घटना साल 2018 की है, जिसपर फैसला सुनाते हुए सत्र न्यायालय ने सोमवार को 49 साल के पिता सलीम अली शेख उर्फ ​​मद्रासी को अपने बेटे इमरान शेख की हत्या का दोषी माना। कोर्ट ने पिता सलीम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 

कोर्ट ने मामले पर गंभीर चिंता जताई

आरोपी सलीम अली शेख को इमरान शेख की हत्या का दोषी पाते हुए जस्टिस एस डी तौशीकर ने गंभीर चिंता जताई। दरअसल, घटना डोंगरी के भीड़भाड़ वाले इलाके में रात करीब साढ़े नौ बजे हुई थी, लेकिन वहां मौजूद कोई भी व्यक्ति पुलिस को जानकारी देने के लिए स्वेच्छा से आगे नहीं आया।

मां की लाचारी दिखती है

जज ने कहा, 'पुलिस से मदद मांगने के लिए मां का पुलिस थाने की तरफ भागना उसकी लाचारी दिखाता है। साथ ही पड़ोसियों और आसपास खड़े लोगों द्वारा मृतक को समय पर मदद पहुंचाने में दिखाई गई उदासीनता को भी दर्शाता है। यह हमारे समाज के गिरते स्तर और ऐसी गंभीर घटना के प्रति लापरवाह रवैये को दर्शाता है।'

सगी मां ने कोर्ट में गवाही देते हुए झूठ बोला

वहीं, मृतक इमरान की सगी मां परवीन शेख ने कोर्ट में गवाही देते हुए झूठ बोला। परवीन शेख ने कोर्ट को बताया कि उसने गुस्से में अपने पति आरोपी सलीम अली शेख का नाम आरोपी के रूप में दर्ज कराया था। घटना के समय उसका बेटा इमरान नशे में था और उसने खुद को चाकू मार लिया। परवीन ने यह भी दावा किया कि जब उसके बेटे ने आरोपी से लड़ाई शुरू की, तो वह पुलिस स्टेशन भाग गई। 

 

यह सुनने के बाद जज ने कहा कि परवीन शेख की गवाही अविश्वसनीय लगती है और यह उसके पति को बचाने का प्रयास है। उसे एक बदकिस्मत महिला बताते हुए जज ने कहा, कि वह भावनात्मक दुविधा में फंसी हुई लगती है। एक तरफ, वह पहले ही अपना बच्चा खो चुकी है और दूसरी तरफ उसके पति को अपने बेटे की हत्या करने के लिए सजा मिलने का खतरा है। इसलिए उसने कुछ बातें झूठी साबित करने की कोशिश की।

पिता ने कोई सहानुभूति नहीं दिखाई

जज ने कहा, 'आरोपी पिता मृतक का पिता था फिर भी उसने उसके प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाई। ऐसा लगता है कि हमले के बाद वह मौके से भाग गया। घायल बेटे को अस्पताल ले जाने में पुलिस की मदद करने वाली महिला की मुकदमे के दौरान मौत हो गई। रिकॉर्ड से पता चलता है कि आरोपी घटना के बाद न तो मौके पर मौजूद था और न ही अस्पताल गया। आरोपी के इस अप्राकृतिक आचरण पर भी ध्यान देने की जरूरत है।'

 

आरोपी पिता ने कोर्ट में जज के सामने कहा कि उसने इमरान की हत्या अचानक गुस्सा आने की वजह से की। वहीं, इसके बाद कोर्ट ने अपराध की क्रूरता पर जोर देते हुए कहा कि कैंची जैसे धारदार हथियार का इस्तेमाल जानबूझकर और क्रूर कृत्य का संकेत देता है। अदालत ने हमले की गंभीरता और पिता-पुत्र के रिश्ते का हवाला देते हुए इस दावे को खारिज कर दिया।