हैदराबाद में ड्रग के एक बड़ रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। ड्रग के सौदागरों ने सैंडल में कोकीन छिपाए थे। 1.6 ग्राम एक्सटेसी दवाइयां भी मिली हैं। एक्स्टसी और एमडीएमए की भी बरामदगी हुई है। यह सब रेस्टोरेंट और कूरियर कंपनी चलाने की आड़ में हो रहा था। हैदाराबाद पुलिस ने दावा किया है कि नार्कोटिक्स और ड्रग का कारोबार करने वाले इस गैंग का अब पर्दाफाश हो गया है। 

साइबराबाद नार्कोटिक्स पुलिस स्टेशन ने इस रैकेट के पर्दाफाश के लिए जाल बिछाया था। पुलिस के पास खुफिया जानकारी थी कि एक रेस्त्रां मालिक के यहां ड्रग तस्करी का कारोबार चल रहा है। वहां एक ड्रग पैडलर और ग्राहक 7 जुलाई को पहुंचा था। जब पुलिस ने रेड डाली तो 10 ग्राम कोकीन, 3.2 ग्राम 'ओजी कुश' और 1.6 ग्राम 'एक्सटेसी' बरामद किया है।
 

ड्रग रैकेट पर एलीट एक्शन ग्रुप फॉर ड्रग लॉ एनफोर्समेंट (EAGLE) की नजर तब पड़ी, जब सैंडल से ड्रग बरामद हुई। सैंडल के हील वाले हिस्से में ड्रग भरा गया था। यह दिल्ली में फतिमा के नाम भेजा गया था पुलिस ने इस केस में 34 साल के सूर्या अन्नामनेनी को गिरफ्तार किया है। ड्रग रैकेट के तार विदेश से भी जुड़े हुए हैं। यहां पब में आने वाले ग्राहकों को ड्रग बेचा जा रहा था। 

यह भी पढ़ें: कैब बुक करके ड्राइवरों की कर देता था हत्या, 25 साल बाद पकड़ा गया

कूरियर से हो रही थी ड्रग डिलीवरी

पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि ऑनलाइन डिलीवरी, कूरियर डिलीवरी और ट्रांजेक्शन का कारोबार चल रहा था। पुलिस ने आरोपी की स्कॉर्पियो एसयूवी से भी ड्रग बरामद किया है। उसकी कंपनी का नाम मारुती कूरियर कंपनी था। यह गैंग डिब्बे में सैंडल के हील में ड्रग भरकर बेचता था।' 

खुद को बताता था कारोबारी, निकला तस्कर 

सूर्या अन्नामनेनी खुद को कारोबारी बताता है। वही ड्रग केस का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। हैदराबाद से वह यह रैकेट ऑपरेट कर रहा था। वह एमबीए ग्रेजुएट है और इंजीनियरिंग की भी पढ़ाई की है। वह कोमापल्ली का रहने वाला है। वह यहीं 'मालनाडु किचन' नाम से एक रेस्तरां चला रहा था। रेस्तरां से पहले वह साल 2020 तक सेल्स मैनेजर के तौर पर काम कर रहा था। पुलिस की पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल किया है। उसने बताया है कि इस गैंग से और कितने लोग जुड़े हुए हैं।

यह भी पढ़ें: बाथरूम में मिले खून के धब्बे तो छात्राओं के कपड़े उतारकर चेकिंग की

नाईजीरिया एंगल से जांच कर रही पुलिस

दिल्ली, बेंगलुरु और अफ्रीका में नाइजीरिया के ड्रग सिंडिकेट को चलाने वाले कुछ सप्लायर सक्रिय हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। खुद आरोपी ने यह बात कबूली है। नाइजीरियाई तस्करों की पहचान निक, जेरी, डेज़मंड, स्टेनली और प्रिंस के तौर पर हुई है। 

नाइजारियाई ड्रग तस्करों से खरीदता था ड्रग

PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक सूर्या अन्नामनेनी नियमित तौर पर एक नाइजीरियाई नागरिक को कोकीन और एमडीएमए का ऑर्डर देता था। जब ऑर्डर मिल जाता था तो वह कुछ खातों में पेमेंट पहुंचाता था। ड्रग को कूरियर के जरिए देश के बाकी हिस्सों को भेजा जाता था। लोग शक न करें इसके लिए रोज इस्तेमाल होने वाली चीजों में ड्रग छिपाए जा रहे हैं। 

पुलिस के मुताबिक अन्नामनेनी के रेस्टोरेंट से जुड़ी कुछ ट्रांजेक्शन भी सामने आए हैं। एक कॉमर्शियल एजेंसी के जरिए 1.39 लाख रुपये का ट्रांसफर हुआ है। वहीं पुलिस ने 41,000 कैश बरामद किए गए हैं। 

गाड़ी और रेस्टोरेंट को बना दिया ड्रग एजेंसी 

तस्करों तक ड्रग पहुंचने से पहले या तो सूर्या की गाड़ी में ड्रग रखा जाता था, या उसके रेस्टोरेंट में। आरोपी ने कहा है कि साल 2021 से लेकर 2025 के बीच उसने 20 बार कोकीन खरीदी। हैदराबाद के महंगे पब में इसका इस्तेमाल भी किया। पुलिस ने उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट 1985 के तहत केस दर्ज कर लिया है। वह अब न्यायिक हिरासत में है।