इस साल का रमजान महीने अब खत्म होने की ओर है। ईद से पहले आज आखिरी जुमे की नमाज है। ईद से पहले ही नमाज पढने की जगह, उसके तरीके, नमाजियों पर फूल बरसाने जैसे मुद्दों को लेकर खूब राजनीति हो रही है। नेताओं की ओर से बयान जारी किए जा रहे हैं तो धार्मिक संगठनों की ओर से भी अपील की जा रही है। दूसरी तरफ, वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने मुस्लिमों से अपील की है कि वे आज जुमे की नमाज के समय अपने हाथ पर काली पट्टी बांधें और विरोध दर्ज कराएं। दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में सड़क पर नमाज पढ़े जाने रोक लगाए जाने को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि सत्ता पक्ष में शामिल और केंद्र सरकार में मंत्री जयंत चौधरी ने भी ऐसे फरमानों पर नाराजगी जाहिर की है। इन सबके बीच नेता अपने-अपने हिसाब से इफ्तार पार्टियों का या तो आयोजन कर रहे हैं या फिर उनमें शामिल हो रहे हैं।

 

एक महीने तक चलने वाले रमजान के आखिर में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है। इस्लाम में यह सबसे पवित्र महीना माना जाता है जिसमें तमाम मुस्लिम अपनी-अपनी श्रद्धा के हिसाब से रोजा रखते हैं और आखिर में ईद का त्योहार मनाते हैं। भारत में भी यह त्योहार और रमजान का महीना धूमधाम से मनाया जाता है। संसद सत्र में वक्फ बिल की वजह से, इफ्तार पार्टियों में होने वाली राजनीतिक गतिविधियों की वजह से और अब अलग-अलग सरकारों के फरमानों की वजह से रमजान और ईद के मौके पर राजनीति भी खूब हो रही है। आइए इस मामले को विस्तार से समझते हैं।


वक्फ बिल के खिलाफ काली पट्टी बांधने की अपील

 

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी ) ने मुसलमानों से आग्रह किया है कि वे वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ रमजान के आखिरी शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए जाते समय अपने दाहिने हाथ पर काली पट्टी बांधें। AIMPLB के महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने बोर्ड के ‘एक्स’ हैंडल पर एक वीडियो अपील जारी किया है। इस वीडियो में उन्होंने अपील की है, 'वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ AIMPLB का प्रदर्शन जारी है। इस संदर्भ में जुमा तुल ​​विदा (रमजान का आखिरी शुक्रवार) के अवसर पर अपना विरोध दर्ज कराएं।'

 

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AIMPLB का यह बयान संसद की संयुक्त समिति द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद आया है।  हालांकि, अभी तक इसे लिस्ट तो नहीं किया गया है लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि प्रस्तावित विधेयक को मौजूदा बजट सत्र के दौरान संसद में पारित होने के लिए पेश किया जा सकता है। इस विधेयक पर 31 सदस्यीय समिति ने कई बैठकों और चर्चाओं के बाद प्रस्तावित कई संशोधन सुझाए, जबकि विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट से असहमति जताई। यह रिपोर्ट 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी गई थी।

नमाजियों पर फूल बरसाने की मांग

 

बीते कुछ सालों में देखा गया है कि बीजेपी शासित कई राज्यों में कांवड़ लेकर जाने वाले कांवड़ियों पर सरकार की ओर से हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा करवाई जाती है। महाकुंभ के दौरान भी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ ने संगम स्नान करने आए लोगों पर भी पुष्प वर्षा करवाई थी।

 

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अब समाजवादी पार्टी के नेता फिरोज खां ने मांग की है कि जैसे महाकुंभ में और कांवड़ियों पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई जाती है, वैसे ही अलविदा जुमे की नमाज के दौरान नमाजियों पर भी पुष्पवर्षा करवाई जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर सरकार ऐसा नहीं करवाती है तो इसकी अनुमति देनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम एक पत्र लिखा है और एसडीएम को इसके बारे में ज्ञापन सौंपने की बात भी कही है।


सड़क और चौराहों पर नमाज पढ़ने पर रोक

 

उत्तर प्रदेश प्रशासन ने सड़क और चौराहे पर नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है। मेरठ में तो प्रशासन की ओर से कहा गया है कि अगर रोक के बावजूद कोई सड़क पर नमाज पढ़ता है तो उसके खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया जा सकता है। साथ ही, पासपोर्ट और लाइसेंस भी रद्द किए जा सकते हैं। इस बारे में मेरठ के एडिशनल एसपी आयुष विक्रम सिंह ने कहा, 'अगर किसी शख्स के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं तो उसके पासपोर्ट और लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं। कोर्ट से नॉन ऑब्जेक्शन प्रमाणपत्र के बिना नया पासपोर्ट हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे दस्तावेज जब तक जब्त करेंगे, जब तक शख्स अदालत से बरी नहीं होगा।'

 

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अब इस मामले पर AIMIM ने दिल्ली के बारे में कहा है, 'BJP के बड़बोले नेता दिल्ली में ईद की नमाज को लेकर गलत बयानबाजी कर रहे हैं। उनको मालूम होना चाहिए कि यह संभल या मेरठ नहीं दिल्ली है, हां सबकी दिल्ली है। यहां ईद की नमाज भी होगी और अगर मस्जिद में जगह कम पड़ जाए तो सड़क पर भी होगी। ईदगाहों और अपने घर के छत पर भी नमाज होगी।'

 

दरअसल, दिल्ली में बीजेपी के विधायक करनैल सिंह ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि सार्वजनिक जगहों पर नमाज पर रोक लगाई जाए। इसी तरह की मांग बीजेपी के विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने भी की थी। फिलहाल, आज पूरे देश में अलविदा की नमाज पढ़ी जाएगी। इसको ध्यान में रखते हुए कई शहरों में सुरक्षा व्यवस्था भी चौक-चौबंद की गई है।