गोवा में विदशी टूरिस्ट की संख्या में गिरावट देखने को मिली है। 2019 से लेकर 2023 तक धीरे-धीरे विदेशी पर्यटकों की संख्या कम हुई है। इसके पीछे का कारण यह है कि अब विदेशी गोवा जाने के बजाय श्रीलंका जा रहे हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट?
चाइना इकोनॉमिक इंफॉर्मेशन सेंटर (CEIS) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2023 में गोवा में केवल 1.5 मिलियन विदेशी आते थे, जबकि 2019 में यह संख्या 8.5 मिलियन थी। हालांकि, कोरोना के बाद गोवा में डोमेस्टिक टूरिज्म लगातार बढ़ा है। एक यूजर ने इसका डेटा एक्स पर शेयर किया है। यूजर ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, 'भारतीय सैलानी अभी गोवा जा रहे हैं, लेकिन जल्द ही वो भी गोवा आना छोड़ देंगे। यहां पर्यटकों के साथ शोषण हो रहा हैं, वहीं इससे बढ़िया जगह विदेश है जहां एक टाइम के बाद लोग जा सकते हैं।
60 प्रतिशत की गिरावट
कुछ ही सालों में विदेशी पर्यटकों की संख्या में लगभग 60% की कमी आई है। वर्ष 2022 में 2018 की तुलना में विदेशी पर्यटकों के आगमन में 82% की गिरावट देखी गई, जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए चिंताजनक बात है।
टैक्सी माफिया बन रहा बाधा
बता दें कि गोवा के पर्यटन क्षेत्र में 'टैक्सी माफिया' का दबदबा है। ये राज्य भर में टैक्सी सेवाओं को नियंत्रित करते हैं और पर्यटकों और स्थानीय निवासियों का शोषण करते है। यूजर्स का कहना है कि टैक्सी ड्राइवर पैसों के मामले में अपनी मनमर्जी चलाते हैं। साथ ही पर्यटकों के साथ बदतमीजी भी करते हैं। कई लोगों का यह भी कहना है कि अगर एप के जरिए कैब बुक करें तो ड्राइवर चिढ़ जाते हैं और धमकी देने लगते हैं।
होटल महंगा होना भी एक कारण
कई यूजर्स ने कहा कि गोवा का होटल, खाना और ट्रांसपोर्ट बहुत महंगा है। कई विदेशी सैलानियों को परेशान किया जाता है। एक यूजर ने लिखा कि गोवा में विदेशियों से ज्यादा पैसे लिए जाते है। यह नहीं होना चाहिए और सस्ती कीमतों के साथ-साथ बेहतर अनुभव देना चाहिए जिससे टूरिज्म बढ़ सके।