दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण लगातार चिंता का विषय बना हुआ है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए नियमों को और कड़ा करने का फैसला किया है। केंद्रीय पैनल ने राज्यों से वायु गुणवत्ता खराब होने पर सख्त उपाय लागू करने को कहा है। साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को भी गंभीर वायु प्रदूषण वाले दिनों के लिए हाइब्रिड लर्निंग अपनाने को कहा है।

इसके अलावा वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर में अपनाई गई ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान की सभी चार श्रेणियों में भी प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया गया है। 

AQI के चार चरण

बता दें कि ग्रैप का पहला चरण तब लागू किया जाता है जब AQI 'खराब' श्रेणी (201 से 300) के बीच में आता है। इसका दूसरा चरण 301 से 400 के बीच के AQI आने पर लागू होता है जबकि तीसरा AQI 'गंभीर' श्रेणी (401 से 450) के बीच में आने के बाद लागू होता है। वहीं, 450 से अधिक AQI को 'गंभीर प्लस' श्रेणी में रखा जाता है। इसमें ग्रैप के चौथे चरण के प्रतिबंध लागू होते हैं।

ग्रैप-4 योजना के शुरुआती चरण में कई प्रतिबंध लागू किए जाएंगे, क्योंकि केंद्र सरकार सर्दियों में प्रदूषण से निपटने के लिए नए सिरे से कोशिश कर रही है।

बसों की एंट्री दिल्ली में होगी बंद

इस सिलसिले में दिल्ली से सटे एनसीआर राज्यों (यूपी और हरियाणा) से अंतरराज्यीय बसों को अब ग्रैप-II के तहत दिल्ली में एंट्री करने से रोक दिया जाएगा। यह प्रतिबंध पहले स्टेज-III पर लागू किए जाते थे। हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहन और सीएनजी या बीएस-VI डीजल से चलने वाले वाहनों पर छूट रहेगी। इसके अलावा विकलांग लोगों को स्टेज III के तहत दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिलों में बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल कारों पर लगाए गए प्रतिबंधों से छूट दी गई है।

केंद्र ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि स्टेज III के तहत राजधानी के अंदर BS-IV या पुराने मानकों वाले डीजल मालवाहक वाहनों पर प्रतिबंध लगाए। BS-IV या पुराने मानकों वाले गैर-जरूरी डीजल लाइट कमर्शियल वाहनों को दिल्ली में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि पहले ऐसे प्रतिबंध केवल BS-III वाहनों पर लागू थे।

खुले में अपशिष्ट जलाने से रोक 

सर्दियों में बायोमास या ठोस अपशिष्ट को खुले में जलाने से रोकने के लिए अब रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों को सुरक्षा कर्मचारियों के साथ-साथ सफाई, बागवानी और अन्य सेवाओं में लगे श्रमिकों को इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराना होगा।

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर हवा की गुणवत्ता साल दर साल खराब होती जा रही है। हाल की कई रिपोर्ट्स में सामने आया है कि इसका कारण वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन, पराली जलाना के साथ में कई कारण हैं। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा शहर के परिवहन से है। 

कक्षा 5 तक की कक्षाएं हाइब्रिड मोड में

केंद्रीय पैनल ने यह भी निर्देश दिया है कि दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के स्कूल और कॉलेज स्टेज III के तहत कक्षा 5 तक की कक्षाओं को हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों) में शिफ्ट करें। इसमें छात्र और अभिभावक ऑनलाइन शिक्षा चुनने का विकल्प चुन सकेंगे। 

चरण IV के तहत, जिसे तब लागू किया जाता है जब AQI 450 का आंकड़ा पार कर जाता है। इसके अलावा स्टेज IV में दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को कक्षा VI से IX और XI के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड में कक्षाएं संचालित की जा सकती हैं।