केरल के कासरगोड जिले में खाड़ी देशों में बिजनेस करने वाले अब्दुल गफूर की हत्या का मामला सामने आया है। इस मामले में गुरुवार (6 दिसंबर) को पुलिस ने शमीना, उसके पति उबैद और दो अन्य स्थानीय लोगों असफिना और आयशा को गिरफ्तार किया। इसमें से तीन पर हत्या में सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगा है। वहीं, चौथे पर सबूत को नष्ट करने का आरोप लगा।
दरअसल, गफूर का खाड़ी देशों में बिजनेस था। पुलिस के अनुसार, 38 वर्षीय शमीना जिसे 'जिन्नुम्मा' के नाम से जाना जाता है, एक 'काला जादू' करने वाली महिला है। शमीना ने अपने गिरोह के साथ मिलकर काला जादू करने के बहाने गफूर की हत्या कर दी क्योंकि इन सभी ने गफूर से भारी मात्रा में गोल्ड लिया था जिसे वो वापस नहीं कर पा रहे थे।
'जिन्न को भगाने' का अनुष्ठान
दरअसल, गफूर की पत्नी पीठ दर्द और अवसाद से पीड़ित थी जिसे ठीक करने के लिए शमीना ने दावा किया कि एक अनुष्ठान से वह उनकी पत्नी को ठीक कर देगी। 13 अप्रैल, 2023 की रात को शमीना और उनके साथी गफूर के घर गए और उनसे अनुष्ठानों में शामिल होने को कहा। शमीना ने दावा किया कि 'जिन्न को भगाने' के लिए गफूर का रहना जरूरी है क्योंकि यह उनकी पत्नी का दुख का कारण बना हुआ है। फिर उन्होंने गफूर के सिर को एक मोटे कपड़े से ढक दिया और उसे कई बार दीवार पर मारा। अगले दिन, गफूर मृत पाया गया।
‘सोने को दोगुना करने का दिया झांसा'
शमीना और उसका गिरोह लगातार गफूर के घर आना-जाना कर रहा था। दावा किया कि एक अनुष्ठान से उसकी पत्नी ठीक हो जाएगी। साथ ही सोने को दोगुना करने का भी दावा किया। गफूर परिवार की पुलिस शिकायत के अनुसार, शमीना ने गफूर से 596 सोने के सिक्के इस वादे के साथ लिए थे कि वह इसे दोगुना कर देगी। जांच अधिकारी, डीएसपी के जे जॉनसन ने इस मामले में कहा 'गफूर ने महिला से इसे दोगुना करवाने के लिए दूसरों से सोना उधार लिया था। गिरोह ने कितना सोना लिया, यह पता लगाने के लिए हमें दोबारा जांच करनी होगी।'
हत्या करने से पहले बनाया काले जादू का माहौल
पुलिस ने कहा कि शमीना ने हत्या से छह महीने पहले सोना लेना शुरू कर दिया था और जब गफूर ने सोना वापस करने की मांग की तो उसने और उसके साथियों ने उसे मारने की प्लानिंग की। 13 अप्रैल को शमीना और उसका गिरोह गफूर के घर गया, जब परिवार के अन्य सदस्य रमजान के महीने में किसी काम से बाहर गए हुए थे। जांच अधिकारी ने कहा कि 'उन्होंने काले जादू का माहौल बनाया और गफूर को महिला के निर्देशों का पालन करने के लिए मजबूर किया। इसके बाद उन्होंने उसके चेहरे को कपड़े से ढक दिया और उसके सिर पर कई बार दीवार से ज़ोर से वार किया। हत्या की योजना बनाई गई थी।'
ऐसे हुआ हत्या का संदेह
जब उसके रिश्तेदारों ने अगले दिन गफूर को घर पर मृत पाया तो उन्हें किसी तरह की गड़बड़ी का संदेह नहीं हुआ क्योंकि उसके शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं दिख रही थी। उन्होंने उसका अंतिम संस्कार किया और उसी दिन उसे दफना दिया। शक तब पैदा हुआ जब कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों ने गफूर के परिवार से संपर्क किया और उन्हें बताया कि उसने उनसे सोना उधार लिया था। परिवार ने सोने की तलाश में घर की तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला।
जब उधार लिए गए सोने के बारे में और पूछताछ हुई तो गफूर के बेटे अहमद मुसमिल ने अपने पिता की मौत और गायब हुए सोने के बारे में संदेह जताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। 27 अप्रैल को शव को बाहर निकाला गया और उसका पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के नतीजे से पता चला कि उसके सिर में अंदरूनी चोटें आई थीं जिसके बाद पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू की। इस साल मई में, कासरगोड जिले के पुलिस प्रमुख डी शिल्पा ने इस मामले के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया। गफूर के बेटे की शिकायत में संदेह जताया गया था कि शमीना का इस हत्या से कुछ लेना-देना हो सकता है।
10 लाख रुपये और सोने के गहने लिए थे
इसके अलावा, डिजिटल सबूतों से पता चला कि अपराध के समय गिरोह गफूर के घर पर था। पुलिस ने गफूर और शमीना के बीच व्हाट्सएप चैट भी बरामद की। साथ ही ऐसे दस्तावेज भी मिले जिनसे पता चला कि महिला ने गफूर से 10 लाख रुपये और सोने के गहने लिए थे। जांचकर्ताओं ने पाया कि गिरोह ने सोने के गहने अलग-अलग ज्वैलर्स को बेचे थे। अब तक, पुलिस ने 29 सोने के सिक्के बरामद किए हैं और बाकी सोना बरामद करने के लिए गिरफ्तार लोगों से पूछताछ करने की योजना बना रही है। चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।