पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और मर्डर केस के आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए हैं। अब इस मामले में 11 नवंबर से ट्रॉयल शुरू होगा। आज यानी सोमवार को कोर्ट ले जाते समय संजय रॉय ने कहा कि उसे फंसाया गया है और वह पूरी तरह से निर्दोष है। गिरफ्तार किए जाने के बाद से संजय रॉय ने पहली बार मीडिया के सामने अपनी बात रखी है। बताते चलें कि इस मामले में 11 नवंबर से हर दिन सुनवाई की जाएगी ताकि इसका फैसला जल्द से जल्द किया जा सके। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अपनी चार्जशीट में संजय रॉय को ही मुख्य आरोपी बताया है।

 

पश्चिम बंगाल की सियालदह कोर्ट ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1), धारा 64 और धारा 66 के तहत आरोपी बनाया है। अब उसके खिलाफ 11 नवंबर से ट्रॉयल शुरू होगा। यहां यह जानना जरूरी है कि धारा 103 हत्या के आरोप में लगाई जाती है। धारा 103 (1) का मतलब है कि जो कोई भी हत्या करता है उसे फांसी या उम्रकैद की सजा दी जाएगी। वहीं, धारा 64 बलात्कार से और धारा 66 भी हत्या से ही संबंधित है।

क्या बोला संजय रॉय?

 

कोर्ट से ले जाते समय संजय रॉय ने चीखते हुए कहा, 'मैंने रेप और हत्या नहीं की है। मुझे फंसाया गया है। सरकार ने मुझे फंसाया। मुझे चुप रहने की धमकी दी है। मेरे डिपार्टमेंट (पुलिस विभाग) ने मुझे धमकाया है।' बता दें कि संजय रॉय सिविल वॉलंटियर के तौर पर काम करता था। सीबीआई के मुताबिक, पीड़िता के शरीर से मिले सीमेन का सैंपल संजय रॉय से मैच करता है। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में संजय रॉय को ही एकमात्र आरोपी बताया है और गैंगरेप की बात से इनकार किया है।

 

बताते चलें कि ट्रेनी डॉक्टर का शव आर जी कर अस्पताल के परिसर में ही पाया गया था। इस घटना के 24 घंटे के अंदर ही कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले की जांच के लिए लगभग 100 लोगों की गवाही करवाई गई है। 12 पॉलीग्राफ टेस्ट हुए हैं। यह घटना इसी साल 9 अगस्त की है। जो सीसीटीवी फुटेज घटनास्थल के पास लगे थे उनमें भी देखा गया था कि 9 अगस्त को सुबह 4 बजे संजय रॉय सेमिनार हॉल में गया और आंधे घंटे बाद वहां से निकलकर चला गया। इसी सेमिनार हॉल में पीड़िता की लाश पाई गई थी।