देश के 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 85 ग्राम सरपंचों के ग्रामीण क्रांति में योगदान को देखते हुए उन्हें शुक्रवार को लाल किले पर आयोजित 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि यह पहल, जमीनी स्तर के नेताओं को सम्मानित करने की सरकार की परंपरा का हिस्सा है और इसमें ग्राम स्तर पर स्वच्छता, सुरक्षित पेयजल, महिला सशक्तीकरण और सतत शासन को आगे बढ़ाने के लिए सरपंचों को सम्मानित किया जा रहा है।

 

सभी चयनित पंचायतों को स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (Swachh Bharat Mission Gramin) के तहत 'ओडीएफ प्लस' घोषित किया गया है और जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत 'हर घर जल' गांव के रूप में प्रमाणित किया गया है। आमंत्रित सरपंचों में बिहार के समस्तीपुर के मोतीपुर ग्राम पंचायत की मुखिया प्रेमा देवी भी शामिल हैं, जिनके नेतृत्व में उनका गांव अपशिष्ट से ऊर्जा और जल प्रबंधन का मॉडल बना।

 

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ब्रेल लिपि में साइनेज वाला सामुदायिक शौचालय

राजस्थान में भरतपुर की रारह ग्राम पंचायत की कुसुम सिंह ने अपनी नर्सिंग पृष्ठभूमि को प्रौद्योगिकी-संचालित शासन के साथ जोड़ा है। गुजरात में, सरपंच शशिकांत भूपेंद्रभाई पटेल के नेतृत्व में सुल्तानपुर गांव पर्यावरणीय जिम्मेदारी का एक आदर्श बनकर उभरा है। अधिकारियों ने बताया कि पंचायत ने प्लास्टिक के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया, कपड़े के थैलों को बढ़ावा दिया और ब्रेल लिपि में साइनेज वाला एक सामुदायिक शौचालय बनवाया- जो राज्य में अपनी तरह का पहला शौचालय है।

 

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ग्रामीण भारत में समावेशी विकास

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में दीपाली उत्तम चौगुले के नेतृत्व में निगवे दुमाला ग्राम पंचायत ने ठोस अपशिष्ट पृथक्करण और पुनर्चक्रण प्रणालियों के साथ लगभग पूर्ण स्वच्छता कवरेज हासिल कर लिया है। अधिकारियों ने कहा कि इन सरपंचों को आमंत्रित करना इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे ग्रामीण भारत समावेशी और टिकाऊ प्रथाओं के जरिए देश की प्रगति को गति दे रहा है।

 

अधिकारियों ने बताया कि 15 अगस्त से पहले, पेयजल और स्वच्छता विभाग, संस्कृति मंत्रालय के साथ साझेदारी में, ‘हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता’ अभियान भी चला रहा है। मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार को सरपंचों से बातचीत की।