पाकिस्तान की किराना हिल्स की इन दिनों दुनियाभर में खूब चर्चा है। दुनियाभर में अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां दो धमाके हुए हैं। रक्षा विशेषज्ञ और समाचार चैनलों पर यहां तक आशंका जताई जा रही कि किराना हिल्स में रेडिएशन फैल रहा है। जब अमेरिकी प्रशासन ने इस पर चुप्पी साधी तो आशंका को और बल मिला। मगर इस बीच इंटरनेशनल अटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने साफ किया कि पाकिस्तान में रेडिएशन लीक की कोई खबर नहीं है। जब भारतीय वायुसेना से किराना हिल्स हमले के बारे में पूछा गया तो एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि हमने वहां कोई हमला नहीं किया है। दुनियाभर में पाकिस्तान में रेडिएशन लीकेज पर चर्चा हो रही है। ऐसे में आइए जानते हैं कि ये क्या है? रेडिएशन लीकेज या परमाणु हमला होने पर अपने आपका कैसे बचाव करें?


किसी भी माध्यम से किया गया परमाणु हमला बेहद घातक साबित हो सकता है। परमाणु हमला होने पर सबसे सुरक्षित तरीका में से एक किसी तहखाना में शरण लेना है। तुरंत अपने परिवार को किसी तहखाने में ले जाएं, ताकि रेडिएशन आप तक न पहुंच सके। आईसीआरपी के मुताबिक बड़ी इमारत के बीच में शरण लिया जा सकता है। मगर इमारत ईंट और कंक्रीट से बनी हो। परमाणु हमले की स्थिति में किसी सुरंग, अंडरपास और अंडरग्राउंड पार्किंग में रुकना उचित होगा। बाहर रहना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।  

 

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क्या होता है न्यूक्लियर रेडिएशन?

न्यूक्लियर रेडिएशन में परमाणु के नाभिक से ऊर्जा कणों और तरंगों के रूप में निकलती है। जब अस्थिर परमाणु की हानि होती है तब यह उत्सर्जन होता है। इसे रेडियोधर्मिता भी कहा जाता है। इसका जीवों पर हानिकारक असर पड़ता है। रेडिएशन फैलने से न केवल आसपास का क्षेत्र बल्कि पानी और भोजन तक दूषित हो जाता है। संपर्क में आने वाला जीव भी इसकी चपेट में आ जाता है। 

 

तहखाना क्यों है जरूरी?

अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम गिराया था। जहां पर बम गिरा था, उससे 170 मीटर दूरी पर स्थित एक तहखाने में इजो नोमुरा ने शरण ले रखी थी। तहखाने में रहने की वजह से वह परमाणु हमले से बच गए थे। बाद में 1982 में उनकी मौत हुई। परमाणु हमला और रेडिएशन के मामले में अंदर रहना ही उचित है। दरवाजे और खिड़की के पास बिल्कुल न रहें।

 

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कुछ स्थानों की पहचान जरूर करें

भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु संपन्न देश हैं। दोनों के बीच अक्सर तनाव देखने को मिलता है। ऐसे में अपने घर, स्कूल या ऑफिस जाते वक्त हमेशा उन स्थानों की पहचान करें, जहां आपात स्थिति में शरण ली जा सके। जैसे अंडरग्राउंड पार्किंग, तहखाना, अंडरपास या भूमिगत मेट्रो स्टेशन आदि। परमाणु हमले के वक्त ये आपकी जान बचा सकते हैं। अगर आपको लगता है कि आप रेडिएशन के संपर्क में आ चुके हैं तो तुरंत अपने कपड़ों को बदलें। शरीर और बालों को साफ करें। बालों में शैम्पू आदि का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। 


रेडिएशन या परमाणु हमला होने पर क्या करें?

  • तहखाना या जमीन से नीचे बने किसी भी स्थान पर शरण लें। 
  • अपने पास पर्याप्त कपड़ों की व्यवस्था रखें। 
  • पैकेट बंद भोजन, पानी और दवा का ही सेवन करें। 
  • खाना-पानी का पर्याप्त भंडारण जरूर करें।
  • अपने साथ हमेशा एक सर्वाइवल किट रखें।
  • पावर बैंक, रेडियो व टॉर्च भी साथ में रखें।
  • प्राथमिक उपचार के लिहाज से कुछ दवाएं भी रखें।
  • रेडियो सुनते रहें, ताकि सरकार से मिलने वाले निर्देश की जानकारी मिल सके। 
  • अपने मन से बाहर न निकलें। सरकार के निर्देश पर ही फैसला लें।
  • अपने पूरे शरीर को ढककर रखें और मास्क जरूर पहनें।

भारत में कैसी है तैयारी?

भारत में अभी परमाणु हमले से जनता को बचाने के कोई खास इंतजाम नहीं है। शहरों में तहखाने और अंडरपास या भूमिगत मेट्रो स्टेशन का इस्तेमाल किया जा सकता है। यही हाल दुनिया के बाकी देशों का। सबसे अहम बात यह है कि जनता को परमाणु हमले से बचने की शिक्षा देना अहम हैं। भारत में अभी इसका काफी अभाव है। कुछ साल पहले अमेरिका ने गुआम द्वीप में रहने वाले लोगों को इससे जुड़ा प्रशिक्षण दिया था। परमाणु हमला होने पर रेडिएशन कई किमी तक फैल सकता है। ऐसे में भागना समझदारी नहीं होगी। जहां पर हैं, वहीं कोई सुरक्षित स्थान देखकर तुरंत शरण लें।