पहलगाम आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए हैं। इन फैसलों में पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की भी प्रक्रिया शामिल है। इस प्रक्रिया के तहत जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने 59 पाकिस्तानी नागरिकों को उनके मूल देश पाकिस्तान वापस भेजने के लिए पंजाब के वाघा बार्डर तक पहुंचाया है। इस बीच मीडिया में फैल रही एक खबर का जम्मू-कश्मीर की पुलिस ने खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया था कि में शौर्य चक्र विजेता शहीद मुदस्सिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर को पाकिस्तान डिपोर्ट किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर की स्थानीय पुलिस ने इस खबर को 'गलत' और 'निराधार' बताई है।

 

जम्मू-कश्मीर से डिपोर्ट किए जा रहे पाकिस्तानी नागरिकों में आतंकवादियों के बच्चे और पत्नियां भी शामिल हैं, ये लोग 2010 की पुनर्वास नीति के तहत भारत वापस आए थे। अधिकारियों के मुताबिक, दशकों से घाटियों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को अलग-अलग जिलों से इकठ्ठा किया गया और उन्हें बस में बैठाकर पंजाब ले जाया गया, जहां उन्हें पाकिस्तानी सीमा पर तैनात अधिकारियों को सौप दिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिकों की लिस्ट में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए कांस्टेबल मुदस्सिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर भी शामिल थीं। बाद में इन्हें यहीं रहने की अनुमति दे दी गई।  

 

 

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शहीद मुदस्सिर के परिवार ने जताया आभार

शहीद मुदस्सिर की मां शमीमा अख्तर के देवर यूनुस ने कहा, 'शहीद मुदस्सिर की मां घर लौट आई है और उन्हें निर्वासन के लिए नहीं ले जाया गया। हम भारत सरकार के आभारी हैं।' इससे पहले मोहम्मद यूनुस ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, 'मेरी भाभी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से हैं, जो हमारा क्षेत्र है। केवल पाकिस्तानियों को ही निर्वासित किया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा, ' साल 2022 में मुदस्सिर के शहीद होने के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने परिवार से मुलाकात की थी और उपराज्यपाल भी दो बार परिवार से मिलने आए थे। मेरी भाभी जब यहां आई थीं, तब उनकी उम्र 20 साल थी और वह 45 साल से यहां रह रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से मेरी अपील है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।' 

 

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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जारी किया बयान

29 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर की बारामूला पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा,'कुछ मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया पर यह खबर चल रही है कि शौर्य चक्र विजेता शहीद मुदस्सिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर को पाकिस्तान डिपोर्ट किया जा रहा है। हम स्पष्ट करते हैं कि यह खबर पूरी तरह से झूठी और निराधार है।' पुलिस ने इस मामले में लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।

अब तक किन लोगों को वापस भेजा गया?

जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अनुसार, 59 पाकिस्तानी नागरिकों को डिपोर्ट किया जा रहा है। इनमें से अधिकतर श्रीनगर में 36 लोग, बारामूला में 9 लोग, कुपवाड़ा में भी 9 लोग, बडगाम में 4 लोग और शोपियां में 2 लोग में रह रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि ये लोग मुख्य रूप से पूर्व आतंकवादियों की पत्नियां और बच्चे हैं, जो 2010 की पुनर्वास नीति के तहत घाटी में लौटे थे। इन लोगों को बसों के जरिए पंजाब ले जाया गया, जहां से उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। इनमें एक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) जवान मुनीर खान की पत्नी मीनल खान भी शामिल हैं। मीनल, जो पाकिस्तान से हैं, 24 मई 2024 को मुनीर के साथ ऑनलाइन निकाह किया था और मार्च 2025 में जम्मू में अपने ससुराल पहुंची थीं। अब उन्हें भी डिपोर्टेशन का सामना करना पड़ रहा है।