इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) रविवार को अपने स्पेस डॉकिंग एस्पपेरिमेंट (SpaDex) मिशन के साथ इतिहास रचने जा रहा है। इसमें शामिल दो सैटेलाइट को अंतरिक्ष में डॉक करने का एक और प्रयास किया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि अंतिम डॉकिंग प्रक्रिया रविवार को की जा सकती है। बता दें कि इस मिशन में शामिल दो सैटेलाइट अब कक्षा में केवल 15 मीटर की दूरी पर हैं, जो लगभग 50 फीट की दूरी है।
10 जनवरी को SDX01 (चेजर) और SDX02 (टारगेट) सैटेलाइट के बीच 230 मीटर की दूरी होने के बाद यह यह अपडेट सामने आया है। इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन करना है, जो भारत के भविष्य के अंतरिक्ष प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण है।
महज 15 मीटर की दूरी
इसरो ने दोनों सैटेलाइट की निकटता के बारे में खुशी व्यक्त करते हुए कहा, '15 मीटर की दूरी पर हम दोनों सैटेलाइट को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं; हम एक रोमांचक कदम से महज 50 फीट की दूरी पर हैं।' बता दें कि इसरो अब डॉकिंग एक्सपेरिमेंट के लिए भारतीय ग्राउंड स्टेशनों से सिग्नल मिलने का इंतजार कर रही है। इससे पहले 7 जनवरी के लिए इसे निर्धारित किया गया था और फिर तकनीकी दिक्कतों के कारण 9 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
30 दिसंबर, 2024 को हुआ था लॉन्च
30 दिसंबर, 2024 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किए गए SpaDeX मिशन में लगभग 220 किलोग्राम वजन वाले दो छोटे सैटेलाइट शामिल हैं। उन्हें 475 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित किया गया है।
भारत के लिए यह मिशन क्यों महत्वपूर्ण
इस मिशन का सफल होना भारत के अंतरिक्ष सेक्टर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसके जरिए चंद्रमा पर भारतीय मिशन, चांद से नमूने वापस लाना, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण और संचालन का इस्तेमाल कर सकते है। इस मिशन के माध्यम से, भारत अंतरिक्ष डॉकिंग प्रौद्योगिकी रखने वाला दुनिया का चौथा देख बनने की ओर अग्रसर है। इसरो दोनों सैटेलाइट की स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है।