मणिपुर हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की कथित ऑडियो क्लिप पर सुप्रीम कोर्ट ने फोरेंसिक रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने 6 हफ्ते के भीतर CFSL से सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी है। 

क्या है मामला?

कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी है। ट्रस्ट ने याचिका में सीएम बीरेन सिंह पर राज्य में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। याचिका में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के कुछ कथित ऑडियो क्लिप्स भी जमा कराए गए हैं। 


ट्रस्ट की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने दावा किया कि इन ऑडियो क्लिप्स की जांच 'ट्रूथ लैब्स' ने की है और इसमें सुनाई दे रही आवाज मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की ही है। इन कथित ऑडियो क्लिप्स के जरिए सीएम बीरेन सिंह पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। दावा है कि ट्रूथ लैब्स की जांच में सामने आया है कि इस ऑडियो क्लिप्स में सुनाई दे रही आवाज सीएम बीरेन सिंह की आवाज से 93 फीसदी मेल खाती है।


ट्रस्ट ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की ये ऑडियो क्लिप उस व्यक्ति ने रिकॉर्ड की थी, जो सीएम के साथ एक बैठक में मौजूद था। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता को पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए था।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सोमवार को इस पर सुनवाई की। बेंच ने पूछा, 'हम रिकॉर्डिंग की सत्यता पर बात नहीं कर रहे हैं लेकिन SFL की रिपोर्ट कब आएगी?' इस पर प्रशांत भूषण ने कहा कि ट्रूथ लैब्स की रिपोर्ट ज्यादा विश्वसनीय है।


इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस ऑडियो क्लिप की जांच सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब (CFSL) से कराने का आदेश दिया। इसके साथ ही 6 हफ्ते के भीतर सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने को कहा। अब इस मामले में अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी।

मणिपुर में डेढ़ साल से जारी है हिंसा

मणिपुर में 3 मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है। 3 मई को नगा-कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा भड़क गई थी। चुरचांदपुर की रैली से भड़की हिंसा पूरे राज्य में फैल गई। पिछले महीने मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने बताया था कि इस हिंसा में अब तक 250 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। जबकि, हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने आंकड़े रखते हुए बताया कि मणिपुर में अब गोलीबारी की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने बताया मई से अक्टूबर 2023 के बीच गोलीबारी की 408 घटनाएं हुई थीं। नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 के बीच 345 घटनाएं सामने आईं। जबकि, मई 2024 से 31 दिसंबर के बीच 112 घटनाएं दर्ज की गईं।