शशि थरूर कांग्रेस के सांसद हैं लेकिन अब कांग्रेस उन्हें लेकर असहज है। ऐसा ही कुछ अब कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी के साथ भी होता दिख रहा है। ऑपरेशन सिंदूर पर जब संसद में चर्चा हुए तो कांग्रेस ने अपने कई सांसदों को बोलने का मौका दिया था लेकिन लोकसभा में शशि थरूर को मौका नहीं मिला। यहां रोचक बात यह है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद कई देशों में भेजे गए डेलिगेशन में शशि थरूर भी शामिल थे।

 

अब सांसद मनीष तिवारी को बोलने का मौका न मिलने पर उन्होंने एक ट्वीट किया है जिसमें मशहूर गायक महेंद्र कपूर के गाए गीत 'है प्रीत जहां की रात सदा...' की चार लाइनें लिखी हैं। इसी के साथ मनीष तिवारी ने एक न्यूज आर्टिकल का स्क्रीनशॉट भी लगाया है जिसमें यह संकेत है कि उन्हें सरकार के पक्ष में बोलने की सजा दी जा रही है। फिलहाल, मनीष तिवारी को लेकर कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

 

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दरअसल, संसद में इन दिनों ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले को लेकर चर्चा हो रही है। सोमवार को लोकसभा में चर्चा हुई थी और मंगलवार को राज्यसभा में चर्चा हो रही है। कांग्रेस की ओर से कई दिग्गज नेताओं ने संसद में अपनी बात रखी लेकिन एक भी ऐसे कांग्रेसी सांसद को बोलने का मौका नहीं दिया गया जो भारत सरकार की ओर से भेजे गए डेलिगेशन का हिस्सा थे। संसद में बोलने का मौका न पाने वालों में शशि थरूर, मनीष तिवारी, अमर सिंह का नाम शामिल था। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, मनीष तिवारी ने इसके बारे में कहा कि पार्टी ने नए सांसदों को बोलने का मौका दिया और जो लोग डेलिगेशन का हिस्सा थे वे सरकार के पक्ष में बोल चुके हैं। 

मनीष तिवारी के ट्वीट से मची खलबली

 

अब मनीष तिवारी ने अपने एक ट्वीट में लिखा है, 'है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं- जय हिद!' इसी ट्वीट के साथ मनीष तिवारी ने मनी कंट्रोल न्यूज वेबसाइट की एक खबर का स्क्रीनशॉट भी लगाया है जिसमें मनीष तिवारी के बयानों को शामिल किया गया है। इसी खबर में मनीष तिवारी के हवाले से लिखा गया है, 'अब विपक्ष की बातों और भारत के लोगों की चिंताएं उठाने का समय है, ऐसे में पार्टी ने नए सांसदों को बोलने का मौका दिया है।'

 

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इस ट्वीट के बारे में पूछे गए सवाल पर मनीष तिवारी ने कहा है, 'अंग्रेजी में एक कहावत है- इफ यू डोंट अंडरस्टैंड माय साइलेंसेज, यू विल नेवर अंडरस्टैंड माय वर्ड्स।' उन्होंने इसके आगे कहा कि इसका मतलब आप खुद निकाल लीजिए। यानी शशि थरूर का कहना है कि अगर लोग उनकी खामोशी का मतलब नहीं समझ सकते तो उनके शब्दों का अर्थ भी नहीं निकाल पाएंगे।

 

सोमवार को जब शशि थरूर से सवाल पूछा गया था कि वह संसद में बोलेंगे या नहीं? इस पर उनका कहना था, 'आज मेरा मौनव्रत है।' रोचक बात यह भी है कि मनीष तिवारी और शशि थरूर जैसे सासंद कांग्रेस के मुखर वक्ताओं में से रहे हैं लेकिन इस बार इन दोनों को ही मौका नहीं दिया गया।

 

क्या है पूरा मामला?

 

दरअसल, जब भारत सरकार ने 33 देशों में डेलिगेशन भेजने का फैसला किया था तब भी कांग्रेस ने इस फैसले की आलोचना की थी। हालांकि, बाद में सरकार के मांगने पर उसने अपने कुछ सांसदों के नाम डेलिगेशन के लिए दिए थे। रोचक बात है कि कांग्रेस ने डॉ. शशि थरूर का नाम नहीं दिया था लेकिन उन्हें भी डेलिगेशन में शामिल किया गया।

 

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इसी दौरे पर शशि थरूर ने कुछ ऐसी बातें कहीं जिनको लेकर कांग्रेस नेताओं ने थरूर के खिलाफ जमकर बयानबाजी की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इशारों ही इशारों में यह तक कह दिया कि अब शशि थरूर बीजेपी की भाषा बोलने लगे हैं। तब से लेकर अब तक शशि थरूर कांग्रेस के कार्यक्रमों से भी दूर हैं और पार्टी की बैठकों में भी उन्हें नहीं देखा गया है।

 

शशि थरूर की तरह सलमान खुर्शीद और मनीष तिवारी ने भी भारत सरकार के पक्ष में बयान दिए थे और कांग्रेस उन बयानों को लेकर भी असहज हुई थी। इन नेताओं ने अपने बचाव में कहा भी था कि वे सिर्फ भारत का पक्ष रख रहे हैं।