भारत में साइबर अपराधों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा लोकसभा में साझा किए गए आंकड़ों में बताया गया कि, पिछले पांच सालों में सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े साइबर क्राइम में लगभग तीन गुना बढ़ोतरी हुई है।

क्या है MHA के आंकड़ा?

गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 2020 में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर कुल 56,283 मामलों की रिपोर्ट हुई, जो 2021 में 72,301 मामलों तक पहुंच गई, यानी 28.5% की बढ़ोतरी हुई। इसके बाद 2022 में यह आंकड़ा 1,31,634 तक पहुंच गया, जिसमें 82.1% की जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई। 2023 में 1,41,264 मामले दर्ज हुए और 2024 में 1,56,938 मामलों के साथ 11.1% की और बढ़ोतरी हुई। इसी तरह, 2020 से 2024 के बीच साइबर क्राइम में तीन गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

 

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सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों में बढ़ोतरी

इसी तरह, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े अपराधों में भी तेजी से इजाफा हुआ है। फर्जी प्रोफाइल या किसी की पहचान बनाकर धोखा देने वाले मामलों की गिनती 2020 में 12,310 थी, जो 2024 में 39,846 तक पहुंच गई, यानी 224% की बढ़ोतरी। प्रोफाइल हैकिंग और पहचान की चोरी के मामले 10,419 से बढ़कर 38,295 हो गए, जिसमें 267% का इजाफा हुआ।

 

साइबर बुलिंग, किसी पर निगरानी रखना और अश्लील संदेश भेजने जैसे अपराध 11,641 से बढ़कर 39,077 हो गए, जो तीन गुना ज्यादा है।इसके साथ किसी और के नाम पर धोखा देने के मामले 9,808 से बढ़कर 19,989 हो गए, जबकि ऑनलाइन नौकरी के नाम पर ठगी के 4,973 मामले 2020 में थे, जो 2024 में 10,461 हो गए, जो बेरोजगारी और नौकरी की तलाश से जुड़ी धोखाधड़ी को उजागर करता है।

सरकार की पहल

सरकार ने संसद में बताया कि इन अपराधों से निपटने के लिए भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) को मजबूत किया गया है। I4C अब जांच के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस्तेमाल कर रही है, जिससे अपराधियों का पता लगाना आसान हुआ है। इसके अलावा डिजिटल जागरूकता अभियान और साइबर फॉरेंसिक लैब्स को देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित किया गया है।

 

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सरकार ने 13 मार्च 2024 को Information Technology Act 2000 की धारा 79(3)(b) के तहत अधिकारों का प्रयोग करते हुए I4C को अधिकृत एजेंसी घोषित किया है, जो इंटरनेट पर हो रहे अवैध कामों की निगरानी कर सकती है। यह एजेंसी अब इंटरनेट के जरिए किसी अपराध में उपयोग हो रहे डेटा, सूचना या संचार से जुड़ी गतिविधियों पर निगरानी रखेगी और जरूरी कदम उठाएगी।