भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि इस बार दिसंबर से फरवरी तक की सर्दी बहुत कड़ाके की हो सकती है। खासकर मध्य भारत, उत्तर-पश्चिम भारत (दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात) और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से ज्यादा ठंड पड़ेगी और कोल्ड वेव (शीत लहर) के दिन भी बढ़ जाएंगे।
IMD के अनुसार आमतौर पर उत्तर पश्चिम भारत में इन तीन महीनों में 1 से 4 दिनों के लिए कोल्ड वेव पड़ती है पर इस बार 5-6 दिनों के लिए कोल्ड वेव पड़ सकता है। कोल्ड वेव तब घोषित की जाती है जब लगातार तीन दिन तक न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी कम (लगभग 10% या उससे ज्यादा कम) हो जाए और तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहे।
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क्यों पड़ेगी ज्यादा ठंड?
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि इसके दो बड़े कारण हैं। पहला, पोलर वोर्टेक्स (ध्रुवीय भंवर) फिर से सक्रिय हो गया है। यह ध्रुवों के आसपास मौजूद बहुत ठंडी हवा का एक बड़ा चक्र है जो सर्दियों में मजबूत हो जाता है और ठंडी हवाएं भारत तक ला सकता है। दूसरा, ला नीना (La Niña) की स्थिति बनी हुई है। ला नीना के समय प्रशांत महासागर का पानी ठंडा हो जाता है, जिससे भारत में सर्दी आमतौर पर ज्यादा कड़ाके की पड़ती है।
IMD के क्लाइमेट मॉनिटरिंग ग्रुप के प्रमुख ओ.पी. श्रीजीत ने कहा, ‘मध्य प्रदेश में नवंबर में जो भयंकर ठंड पड़ी थी, उसका कारण भी पोलर वोर्टेक्स और ला नीना ही था। अब फिर से यही स्थिति बन रही है।’
दिसंबर में बारिश का अनुमान
पूरे देश में दिसंबर की बारिश सामान्य रहने की संभावना है। लेकिन दक्षिण भारत, पश्चिम-मध्य भारत और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है। बाकी जगहों पर बारिश कम रहेगी।
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पिछले महीने यानी नवंबर में भी ज्यादातर इलाकों में तापमान सामान्य से कम रहा था और पूरे देश में 42.8% बारिश की कमी रही। उत्तर-पश्चिम भारत में तो 78% तक बारिश कम हुई थी।
