पश्चिम बंगाल में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision - SIR) में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सोमवार को हंगामा खड़ा कर दिया। पार्टी ने 26 से 28 नवंबर के बीच हुई करीब 1.25 करोड़ नई एंट्रीज की पूरी जांच और ऑडिट कराने की मांग की है।
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने बीजेपी विधायकों के साथ मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) मनोज कुमार अग्रवाल से मुलाकात की। इसी दौरान बाहर BLO अधिकार रक्षा समिति के लोग प्रदर्शन कर रहे थे और SIR के लिए और समय मांग रहे थे। सुवेंदु अधिकारी ने गंभीर आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की पोलिटिकल कंसल्टेंसी एजेंसी I-PAC मतदाता सूची में डेटा एंट्री के काम में दखल दे रही हैं। उन्होंने कहा, 'CEO का दफ़्तर भी सुरक्षित नहीं है। कोलकाता पुलिस पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रही है।’
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क्या बोली बीजेपी
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुस्से में कहा था, 'मैंने इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया (ECI) के रोल के बारे में कोई चिंता नहीं जताई है। मैंने जो पब्लिकली कहा है, और जो BJP ने भी कहा है, वह यह है कि SIR चल रहा है। यह एक कॉन्स्टिट्यूशनल प्रोसेस है। यह इलेक्शन कमीशन की ज़िम्मेदारी है। कई इलाकों में BLOs पर हमले हो रहे हैं। BLOs पर दबाव डाला जा रहा है। उन्हें पंचायत ऑफिस, क्लब हाउस, पार्टी ऑफिस ले जाया जा रहा है, उन्हें घेर लिया जा रहा है, उनके पतियों पर हमला किया जा रहा है, और कुछ मामलों में, बंदूक की नोक पर, झूठे बयान अपलोड किए जा रहे हैं।’
उन्होंने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि दिल्ली से सिर्फ़ एक प्रतिनिधि भेजने से काम नहीं चलेगा, चुनाव आयोग को खुद बंगाल आना होगा और हालात को समझना होगा।
क्या हैं बीजेपी की मांगें?
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26-28 नवंबर की 1.25 करोड़ एंट्रीज का विशेष पर्यवेक्षक और ECI की तकनीकी टीम से ऑडिट कराया जाए।
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मृत मतदाताओं के नाम अभी तक नहीं हटाए गए, जिला-वार विशेष अभियान चलाकर सभी मृत मतदाताओं को तुरंत हटाया जाए।
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जिन ERO (इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) को गलत तरीके से नियुक्त किया गया है और जो SDO लेवल से नीचे के हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए।
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कुछ जिलों में सीनियर DM/DEO की पोस्टिंग नियमों के खिलाफ है, उसे ठीक किया जाए।
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CEO दफ़्तर को तुरंत सुरक्षित जगह पर शिफ़्ट किया जाए, ज़रूरत पड़े तो CAPF (केंद्रीय बल) तैनात किए जाएं।
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करीब 5,000 BLO के खिलाफ शिकायत की गई है, उन पर कार्रवाई हो। पार्टी ने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी नागरिकों के नाम भी अवैध तरीके से जोड़े जा रहे हैं।
ममता ने किया था विरोध
केंद्रीय मंत्री सुकांतु मजूमदार ने भी तृणमूल कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, 'TMC को बताना चाहिए कि BLO को मिलने वाला 18,000 रुपए का ग्रांट उन्होंने दिया क्यों नहीं? BLO पर दबाव इसलिए डाला जा रहा है क्योंकि TMC ने डेटा एंट्री ऑपरेटर नियुक्त नहीं किए। खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंच से धमकी देती हैं कि BLO राज्य सरकार के कर्मचारी हैं, याद रखें। इसी दबाव की वजह से BLO डरे हुए हैं।’
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बीजेपी का कहना है कि ये सिर्फ़ छोटी-मोटी गड़बड़ियां नहीं हैं, बल्कि चुनाव की निष्पक्षता पर ही सवाल खड़े कर रही हैं। पार्टी ने चुनाव आयोग से तुरंत हस्तक्षेप करने और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग की है।