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शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष को क्या टिप्स दे गए पीएम मोदी?

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने विपक्ष को कुछ सलाह दी है। उन्होंने क्या-क्या कहा है, आइए जानते हैं।

Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (Photo Credit: PTI)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत ने लोकतंत्र को जिया है, इस पर भरोसा मजबूत किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र का प्रदर्शन है। उन्होंने विपक्ष के खराब प्रदर्शन के लिए निशाना साधा और कहा कि वे विपक्ष को टिप्स दे सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से ड्रामा न करने की अपील की और कहा कि अगर विपक्ष चाहे तो वे प्रदर्शन सुधारने के लिए उन्हें टिप्स दे सकते हैं।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'यह सत्र, संसद देश के लिए क्या सोच रही है, संसद देश के लिए क्या करना चाहती है, संसद देश के लिए क्या करने वाली है, इन मुद्दों पर केंद्रित होनी चाहिए। विपक्ष भी अपना दायित्व निभाए, चर्चा में मजबूत मुद्दे उठाए। पराजय की निराशा से बाहर निकलकर आएं। मेरा सभी दलों से आग्रह है कि शीतकालीन सत्र में पराजय की बौखलाहट को मैदान नहीं बनना चाहिए और ये शीतकालीन सत्र विजय के अहंकार में भी परिवर्तित नहीं होना चाहिए।'

यह भी पढ़ें: संसद शीतकालीन सत्र 2025: सरकार और विपक्ष का एजेंडा क्या है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:-
दुर्भाग्य यह है कि 1-2 दल तो ऐसे हैं कि वो पराजय भी नहीं पचा पाते। मैं सोच रहा था कि बिहार के नतीजों को इतना समय हो गया, तो अब थोड़ा संभल गए होंगे। कल जो मैं उनकी बयानबाजी सुन रहा था, उससे लगता है कि पराजय ने उनको परेशान करके रखा है।

 

'नारे नहीं, नीति पर बल देने की है जरूरत'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'ड्रामा करने के लिए बहुत जगह होती है, जिसको करना है करते रहे। यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए। यहां नारे नहीं नीति पर बल देना चाहिए और वो आपकी नीयत होनी चाहिए। हो सकता है कि राजनीति में नकारात्मकता कुछ काम आती होगी लेकिन राष्ट्र निर्माण के लिए कुछ सकारात्मक सोच भी होनी चाहिए।'

'हार पर पीएम मोदी ने क्या टिप्स दिया'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'विपक्ष भी अपना दायित्व निभाए, चर्चा में मजबूत मुद्दे उठाए। पराजय की निराशा से बाहर निकलकर आएं। दुर्भाग्य यह है कि 1-2 दल तो ऐसे हैं कि वो पराजय भी नहीं पचा पाते।  मैं सोच रहा था कि बिहार के नतीजों को इतना समय हो गया तो अब थोड़ा संभल गए होंगे। कल जो मैं उनकी बयानबाजी सुन रहा था, उससे लगता है कि पराजय ने उनको परेशान करके रखा है। उनसे मेरा आग्रह है कि पराजय की बौखलाहट को मैदान नहीं बनना चाहिए।'

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'बिहार में जो हुआ, वही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,'गत दिनों बिहार में जो चुनाव हुआ, उसमें मतदान हुआ, वह लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। माताओं-बहनों की जो भागीदारी बढ़ रही है, यह अपने आप में एक नई आशा, नया विश्वास पैदा करती है। एक तरफ लोकतंत्र की मजबूती अब इस लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के भीतर अर्थतंत्र की मजबूती इसको भी दुनिया बहुत बरीकी से देख रही है। भारत ने सिद्ध कर दिया है कि लोकतंत्र परिणाम दे सकता है।'


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