संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। सत्र शुरू होने से पहले ही सरकार और विपक्ष के बीच एजेंडे को लेकर खींचतान जारी है। विपक्ष 'स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन' यानी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग पर एकजुट है, वहीं सरकार इस मुद्दे पर टाल-मटोल कर रही है। सरकार संसद को सामान्य रूप से चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग मांग रही है।
विपक्ष का जोर SIR पर है। नेताओं ने साफ इशारा किया है कि अगर चर्चा नहीं हुई तो सदन ठप किया जाएगा। राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में उप-राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन की अध्यक्षता में यह बातचीत हुई। सरकार ने वंदे मातरम पर चर्चा का प्रस्ताव रखा तो विपक्ष ने सहमति जताई, लेकिन बदले में सोमवार दोपहर को ही SIR पर छोटी चर्चा की मांग की।
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विपक्ष का कहना था कि अभी नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में SIR की प्रक्रिया चल रही है, इसलिए इस पर तुरंत बात होनी चाहिए। बैठक में इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ। दोनों पक्षों के बीच बातचीत अभी जारी है। सरकार संसद को आसानी से चलाना चाहती है, जबकि विपक्ष अपने अहम मुद्दों को उठाने पर अड़ा है।
विपक्ष की मुख्य मांगें क्या हैं?
- विपक्ष ने सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक और सदन की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की बैठकों में SIR के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। विपक्ष की मुख्य मांग है कि 9 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश में चल रहे SIR पर तुरंत चर्चा हो।
- विपक्ष का कहना है कि वे SIR को चुनावी सुधारों पर व्यापक बहस का हिस्सा बनाने को तैयार हैं, लेकिन यह चर्चा सोमवार दोपहर को ही होनी चाहिए। समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा है कि अगर SIR पर चर्चा नहीं हुई तो पार्टी सदन को चलने नहीं देगी।
- दिल्ली में हुए आत्मघाती हमले पर भी विपक्ष ने चर्चा की पेशकश की है। विपक्ष ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर बहस जरूरी है।
- वायु प्रदूषण, विदेश नीति और राज्यपालों द्वारा राज्य विधानसभाओं से पारित विधेयकों को रोके जाने जैसे संघीय मुद्दों पर भी बहस की मांग की गई है। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने मतदाता सूचियों और चुनाव सुरक्षा पर चर्चा की मांग की है।
सरकार का एजेंडा क्या है?
सरकार ने संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग मांगा है। सरकार ने SIR पर चर्चा को लेकर कोई स्पष्ट प्रतिबद्धता नहीं जताई है। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने पहले संकेत दिया था कि SIR एक प्रशासनिक प्रक्रिया है, लेकिन उन्होंने चुनावी सुधारों के व्यापक विषय के तहत इस पर चर्चा की संभावना का संकेत दिया है। सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष को वापस जवाब देने की बात कह रही है। राज्यसभा की BAC बैठक में सरकार ने 'वंदे मातरम के 150 साल' पूरे होने पर चर्चा का प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्ष ने स्वीकार कर लिया।
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पहले कौन सा विधेयक पेश हो सकता है?
लोकसभा में सरकार की प्राथमिकता 'मणिपुर माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2025' पर चर्चा चाहती है। सरकार ने इस विधेयक को संवैधानिक दायित्व बताया है। सरकार ने सत्र के लिए विचार, चर्चा और पारित करने के मकसद से 13 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आश्वासन दिया है कि सरकार सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए विपक्ष से बातचीत जारी रखेगी।
कौन से विधेयक सरकार की प्राथमिकता में हैं?
- राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) बिल
- परमाणु ऊर्जा बिल
- कॉर्पोरेट कानून (संशोधन) बिल
- बीमा कानून (संशोधन) बिल
- उच्च शिक्षा आयोग विधेयक 2025
- केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) बिल
- स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस बिल
कब तक चलेगा शीतकालीन सत्र?
शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर को समाप्त होगा और इसमें कुल 15 बैठकें होंगी। विपक्ष आज सुबह अपनी रणनीति तय करने के लिए बैठक करेगा।