मुंबई की 'लाइफलाइन' माने जाने वाली लोकल ट्रेन से सोमवार को एक बड़ा हादसा हो गया। यह हादसा तब हुआ जब दो लोकल ट्रेनें अगल-बगल से गुजर रही थीं। दोनों ट्रेनों की गेट पर लटके यात्रियों के बैग आपस में टकराए, जिससे चलती ट्रेन से यात्री गिर पड़े। इस हादसे में 4 यात्रियों की मौत हो गई। 9 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। 

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस पर सरकार को घेरते हुए X पर लिखा, 'जब मोदी सरकार 11 साल की 'सेवा' का जश्न मना रही है, तब मुंबई से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां ट्रेन से गिरने से कई लोग मारे गए हैं।'


राहुल गांधी ने आगे लिखा, 'भारतीय रेलवे करोड़ों लोगों की बैकबोन है लेकिन आज यह असुरक्षा, भीड़भाड़ और अव्यवस्था का प्रतीक बन गई है।' उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार के 11 साल में कोई जवाबदेही नहीं, कोई बदलाव नहीं, सिर्फ प्रोपेगैंडा। सरकार ने 2025 की बात करना बंद कर दिया है और 2047 के सपने बेच रही है। आज देश जिनका सामना कर रहा है, उसे कौन देखेगा?'


मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि इस हादसे ने बताया कि रेलवे सिस्टम में ओवरक्राउडिंग और पैसेंजर सेफ्टी कितनी जरूरी है।

 

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डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने बताया है कि इस हादसे की जांच एक हाईलेवल कमेटी करेगी। उन्होंने बताया, 'रेलवे की एक हाईलेवल कमेटी इस घटना की जांच करेगी। सच बाहर जरूर आएगा। अगर कोई दोषी होगा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।'

 

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इस हादसे की पूरी ABCD

  • कहां हुआ हादसा?: यह हादसा ठाणे में मुंब्रा रेलवे स्टेशन के पास हुआ। हादसा तब हुआ जब अगल-बगल की पटरी से दो ट्रेनें गुजर रही थीं।
  • कहां जा रही थी ट्रेनें?: सेंट्रल रेलवे के चीफ PRO स्वप्निल नीला ने बताया कि एक ट्रेन कसारा जा रही थी और दूसरी छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस। 
  • कैसे हुआ हादसा?: स्वप्निल नीला ने बताया कि ट्रेन में भीड़ थीं और यात्री गेट पर भी खड़े थे। जब दोनों ट्रेनें अगल-बगल से गुजरीं तो यात्रियों के बैकपैग उलझ गए, जिससे यात्री चलती ट्रेन से गिर गए।
  • मारे गए कौन?: इस हादसे में जो लोग मारे गए हैं, उनकी पहचान केतन सरोज, राहुल गुप्ता, मयूर शाह और ठाणे के GRP कॉन्स्टेबल विक्की मुखियाड के रूप में हुई है।
  • हादसे से सबक क्या?: हादसे से सबक लेते हुए अब रेलवे ने सभी लोकल ट्रेन में ऑटोमैटिक डोर क्लोजर सिस्टम लगाने का फैसला लिया है। यह सिस्टम मौजूदा और नई ट्रेनों में लगाया जाएगा।

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लोकल ट्रेन में सफर करने से हर दिन 7 मौतें?

हर दिन 75 लाख से ज्यादा यात्री मुंबई की लोकल ट्रेनों से सफर करते हैं। मुंबई की लोकल ट्रेन वहां के लोगों की 'लाइफलाइन' है लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि यही ट्रेनें हजारों लोगों की 'लाइफ' भी छीन चुकी है।


पिछले साल अगस्त में बॉम्बे हाईकोर्ट में वेस्टर्न और सेंट्रल रेलवे ने एक हलफनामा दायर किया था। इसमें 20 साल में लोकल ट्रेन में हादसों से हुई मौतों का डेटा दिया गया था। इसमें बताया था कि 2005 से जून 2024 के बीच 51,802 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 22,481 मौतें वेस्टर्न और 29,321 सेंट्रल रेलवे में दर्ज हुई थीं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि हर दिन औसतन 7 लोगों की मौत लोकल ट्रेन से सफर करते हुए हो जाती है।


हलफनामे के मुताबिक, वेस्टर्न रेलवे 1,394 लोकल ट्रेनें चलाती हैं, जिनसे हर दिन 35 लाख यात्री सफर करते हैं। वहीं, सेंट्रल रेलवे 1,810 ट्रेनें चलाती हैं और इनसे हर दिन 40 लाख यात्री सफर करते हैं। हलफनामे में रेलवे ने बताया था कि कल्याण, ठाणे, वसई और बोरीवली में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं।

 

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क्यों होती हैं मौतें?

मुंबई में बहुत बड़ी आबादी ऐसी है जो स्कूल-कॉलेज, ऑफिस और काम पर आने-जाने के लिए लोकल ट्रेनों से सफर करते हैं। लोकल ट्रेन से सफर करना भले ही थोड़ा सस्ता पड़ता हो लेकिन यह काफी अनसेफ भी होता है। क्योंकि इन ट्रेनों में हमेशा ही क्षमता से ज्यादा यात्री सफर करते हैं।


वेस्टर्न और सेंट्रल रेलवे ने हलफनामे में बताया था कि सबसे ज्यादा मौतें लाइन क्रॉस करने और फिर चलती ट्रेन से गिरने से होती हैं। 2024 में लाइन क्रॉसिंग से सबसे ज्यादा 151 मौतें ठाणे में हुई थीं। इसके बाद बोरीवली था, जहां 137 लोग मारे गए थे। वहीं, पिछले साल चलती ट्रेन से गिरने की वजह से कल्याण में सबसे ज्यादा 116 लोगों की मौत हुई थी। वसई दूसरे नंबर पर था, जहां 45 लोगों की जान गई थी।


सेंट्रल रेलवे ने बताया था कि 2009 से जून 2024 तक 29,321 लोगों की मौत हुई थी। इनमें से ज्यादा मौतें पटरियां पार करने से हुईं। कुछ मौतें भीड़ की वजह से ट्रेन से गिरने से हुईं, कुछ मौतें रेलवे ट्रैक से सटे खंभों से टकराने से गिरने से हुईं तो कुछ प्लेटफॉर्म और फुटबोर्ड के बीच के गैप में गिरने से हुईं।


सेंट्रल रेलवे ने अपने हलफनामे में कहा था कि लोकल ट्रेनों का उपयोग पहले से ही क्षमता से 100% ज्यादा हो रहा है, इसलिए नई ट्रेनें और नहीं चलाई जा सकतीं। सेंट्रल रेलवे ने बताया था कि सुबह और शाम के वक्त हर तीन मिनट में ट्रेन चलती है।