पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ भड़की हिंसा के 4 दिन बाद भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। कई जगह तनावपूर्ण स्थितियों के मद्देनजर कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर 17 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की कंपनियों को तैनात किया गया है। मुर्शिदाबाद में 8 अप्रैल, 2025 से हिंसा भड़की थी, जिसमें 3 लोग मारे गए थे।
हरगोबिंद दास और उनके बेटे चंदन दास की हत्या शुक्रवार को भीड़ ने की थी, वहीं एजाज अहमद नाम का भी एक शख्स पुलिस फायरिंग में घायल हुआ था। शनिवार को ज्यादा घायल होने की वजह से उसकी मौत हो गई थी।
मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा ने दंगे का रूप ले लिया, जिसकी वजह से शमशेरगंज, सुति, धूलियान और जंगीपुर जैसे क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। करीब 300 लोग शमशेरगंज से मालदा भागकर पहुंचे। उन्हें राहत शिविरों में रखा गया है। कई लोगों ने झारखंड में शरण ली है।
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अब तक 273 लोग गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल पुलिस का दावा है कि स्थिति अब नियंत्रण में है। रविवार को हिंसक झड़प नहीं हुई है। पुलिस ने 155 और लोगों को गिरफ्तार किया है। अब तक 273 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। मुर्शिदाबाद में मुस्लिम आबादी लगभग 60 फीसदी है। वहां प्रदर्शनकारी नए वक्फ कानून को रद्द करने की मांग कर रहे थे। वक्फ विधेयक 5 अप्रैल से कानून बन गया है, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इसे मंजूरी दे चुकी हैं।

हिंसा थमी नहीं, सियासत चरम पर
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बांग्लादेश से अपराधियों को जानबूझकर घुसने दिया, जिससे हिंसा भड़की। टीएमसी नेताओं ने पुलिस पर देरी से कार्रवाई का भी आरोप लगाया। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच की मांग की। बीजेपी ने कोलकाता में रैली निकाली, जबकि टीएमसी ने दावा किया कि बीजेपी अशांति का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।
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'पश्चिम बंगाल में नहीं लागू होगा वक्फ कानून'
कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि ममता बनर्जी ने वक्फ कानून को बंगाल में लागू न करने का आश्वासन दिया है। ममता बनर्जी 17 अप्रैल को मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ बैठक करने वाली हैं। बीएसएफ ने कहा कि उन्होंने शमशेरगंज में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हवा में फायरिंग की है। प्रभावित परिवारों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। कई लोगों का कहना है कि उनके घरों को जला दिया गया है और लूट की गई है। पुलिस और बीएसएफ के प्रयासों से रविवार तक स्थिति स्थिर रही, लेकिन स्थानीय लोगों में डर और तनाव बरकरार है।