होली और जुमे की नमाज को लेकर दोनों समुदायों के बीच लगातार बयानबाजियां चल रही हैं। बिहार के दरभंगा की मेयर अंजुम आरा के बयान से उपजे विवाद के बीच धर्मनगरी हरिद्वार के मुस्लिम समाज ने सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए अपनी नमाज पढ़ने का समय बदल दिया है।

 

ज़मीयत उलेमा-ए-हिन्द के उत्तराखंड प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और ज्वालापुर के सबसे बड़े मदरसे के प्रबंधक मौलाना आरिफ कासमी ने यहां कहा कि रमजान में जुमे की नमाज और होली एक ही दिन पड़ रहे हैं जिसे देखते हुए हमने बीच का रास्ता निकाला है।

 

एक से डेढ़ घंटे देरी से होगी नमाज

 

उन्होंने कहा, 'हमने जुमे की नमाज पढ़ने का समय बदल दिया है ताकि किसी को दिक्कत न हो और हिन्दू एवं मुसलमान दोनों में भाईचारा और अमन-चैन कायम रहे।' कासमी ने कहा, 'अमूमन जुमे की नमाज दोपहर पौने एक बजे से सवा दो बजे तक होती है लेकिन होली को देखते हुए हरिद्वार के शहरी क्षेत्रों में नमाज अपने तयशुदा समय से एक से डेढ़ घंटे देरी से यानी दोपहर ढाई बजे पढ़ी जाएगी जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह अपने समय से एक से डेढ़ घंटा पहले पढ़ ली जाएगी।'

 

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भाईचारे और एकजुटता की मिसाल

 

मौलाना ने कहा कि यह फैसला केवल समय का बदलाव भर नहीं है बल्कि सामाजिक सौहार्द, भाईचारे और एकजुटता की मिसाल है। उन्होंने कहा कि आपसी सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के मंसूबे पूरे नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि जुमे की नमाज घर में नही मस्जिद में ही की जा सकती है। उन्होंने इस तर्क को खारिज कर दिया कि जुमा साल मे 52 बार आता है । उन्होंने कहा कि हर मुसलमान के लिए हर जुमे का खास महत्त्व है ।