कांग्रेस पार्टी के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जाति जनगणना को बड़ा बयान दिया है। शुक्रवार को राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में यानी 2004 से 2014 के बीच जाति जनगणना नहीं हो पाई तो इसमें कांग्रेस की नहीं खुद उनकी ही गलती है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अब उन्होंने अपनी यह गलती सुधारने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। राहुल गांधी ने जाति जनगणना के मुद्दे को 'राजनीतिक भूकंप' करार देते हुए कहा कि इसने देश की राजनीतिक जमीन को हिलाकर रख दिया है। इसी कार्यक्रम में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा कि वह उनसे मिले हैं और उनमें कोई दम नहीं है।

 

दिल्ली में कांग्रेस की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम का नाम 'ओबीसी भागीदारी न्याय सम्मेलन' था। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत तमाम वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि देश में दलित, पिछड़ा, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्ग की आबादी कुल मिलाकर करीब 90% है लेकिन जब बजट बनने के बाद हलवा बांटा जा रहा था, तो वहां 90% की आबादी का कोई नहीं था। 

 

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राहुल ने बताया कहां कमी रह गई?

 

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘ओबीसी भागीदारी न्याय सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं 2004 से राजनीति कर रहा हूं। जब मैं अपना मूल्यांकन करता हूं तो पाता हूं कि कहीं अच्छा काम किया तो कहीं कमी भी रह गई। आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों की बात हो, मुझे अच्छे नंबर मिलने चाहिए। महिलाओं के मुद्दे पर मुझे अच्छे नंबर मिलने चाहिए लेकिन मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो एक बात स्पष्ट दिखती है कि एक चीज में कमी रह गई थी। यह एक गलती मैंने की, वह यह है कि ओबीसी वर्ग के हितों की रक्षा जिस तरह से करनी थी, वह मैंने नहीं की। इसका कारण यह है कि आपके मुद्दे मुझे उस समय गहराई से समझ नहीं आए थे।'

 

 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने कहा, 'दलितों की कठिनाइयों को समझना आसान है। आदिवासियों के मुद्दे भी आसानी से समझ आ जाते हैं लेकिन ओबीसी की मुश्किलें या मुद्दे आसानी से नहीं दिखते। मुझे अफसोस यह है कि अगर मुझे आपके इतिहास और मुद्दों के बारे में ज्यादा मालूम होता तो मैं उसी वक्त (कांग्रेस के सत्ता में रहते) जाति जनगणना करा देता। वह समय निकल गया लेकिन मेरी गलती है। यह कांग्रेस की गलती नहीं, मेरी गलती है।'

 

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जाति जनगणना को राजनीतिक भूकंप बता रहे राहुल गांधी

 

उन्होंने जाति जनगणना के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा, ‘यह राजनीतिक भूकंप है, जिसने हिंदुस्तान की राजनीतिक जमीन को हिला दिया है। इसका झटका आपको लगा नहीं है लेकिन काम हो गया है।’ राहुल गांधी ने आगे कहा, '21वीं सदी डेटा की सदी है। मोदी जी डेटा के बारे में बोलते रहते हैं। पहले जिस देश के पास तेल होता था, उसे शक्तिशाली माना जाता था। आज का तेल डेटा है। डेटा कंपनियों के पास होता है, तेलंगाना सरकार के पास जो डेटा आया है उसका कोई मुकाबला नहीं है। आज हम तेलंगाना में एक मिनट में बता सकते हैं कि राज्य के सभी कॉरपोरट समूहों के प्रबंधन में कितने ओबीसी और दलित हैं।'

 

 

अपनी जिद के बारे में राहुल गांधी ने कहा, ‘आप मेरी बहन (प्रियंका गांधी) से पूछना कि मैं जब किसी बात के लिए मन बना लेता हूं तो मैं उससे पीछे हटता हूं या नहीं। मैं (जाति जनगणना से) पीछे हटने वाला नहीं हूं।' उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने ओबीसी का इतिहास मिटाया है। कांग्रेस नेता का कहना था कि दलित, आदिवासी और ओबीसी इस देश की ‘उत्पादक शक्ति’ हैं लेकिन इसका फल उन्हें नहीं मिल पा रहा है। 

 

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SIR पर क्या बोले खड़गे?

 

बिहार में जारी स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (SIR) का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, '18 साल से ऊपर हमारे जितने भी नौजवान हैं, वे सभी वोटर लिस्ट में आने चाहिए। घर-घर जाकर वोटर्स को मजबूत करो। आज ही चुनाव आयोग का नया नोटिफिकेशन आया है कि SIR सिर्फ बिहार में नहीं, पूरे देश में किया जाएगा। ये गरीबों को खत्म करना चाहते हैं, OBC, SC/ST और महिलाओं को वोटिंग का अधिकार देने के लिए RSS-BJP तैयार नहीं थी। आपको वोटिंग का अधिकार बाबा साहेब आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू की वजह से मिला। अब BJP वोटर लिस्ट को बदलकर लोगों से वोटिंग का अधिकार छीनना चाहती है।'