पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए ऑल पार्टी डेलिगेशन का पहला ग्रुप बुधवार को रवाना होगा। इस डेलिगेशन के पास एक डोजियर होगा, जिसमें पाकिस्तान के काले कारनामों का जिक्र होगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को इस डेलिगेशन के 7 में से 3 ग्रुप को ब्रीफ किया। यह ब्रीफिंग करीब डेढ़ घंटे से ज्यादा चली। इसमें पाकिस्तान किस तरह से आतंकवाद का समर्थन करता है और भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता है, इस बारे में बताया गया।
बुधवार को जो पहला ग्रुप रवाना होगा, उसमें शिवसेना सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाला ग्रुप भी होगा। श्रीकांत शिंदे ने कहा, 'हम अपना साफ संदेश देंगे कि भारत एक शांतिप्रिय देश है लेकिन अगर कोई हम पर हमला करता है तो हम उसे जवाब देंगे। भारत का फोकस आर्थिक विकास है, जबकि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने में व्यस्त है।'
श्रीकांत शिंदे की अगुवाई वाला ग्रुप संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), लाइबेरिया, कॉन्गो और सिएरा लियोन जाएगा।
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान के आतंक के चेहरे को बेनकाब करने के लिए केंद्र सरकार ने ऑल पार्टी डेलिगेशन बनाया है। इन्हें 7 ग्रुप में बांटा गया है। यह ग्रुप दुनियाभर के देशों में जाकर ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के आतंकवाद के बारे में बताएगा। यह ग्रुप दुनिया के 33 देशों के सरकारी अफसरों, सांसदों, मंत्रियों और थिंक टैंक से मिलेगा और बताएगा कि कैसे क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म से निपटने के लिए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की परंपरा स्थापित की है।
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डोजियर में क्या होगा?
विदेश जा रहे ऑल पार्टी डेलिगेशन के पास एक डोजियर होगा, जिसमें पाकिस्तान के काले कारनामे लिखे होंगे। न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस डोजियर में पाकिस्तान के आंतकवाद को समर्थन करने के सबूत होंगे।
पहलगाम अटैक के बाद पाकिस्तान की तरफ से एक जांच की मांग करने की बात पर विक्रम मिस्री ने सांसदों को बताया कि कैसे 26/11 और पठानकोट हमले के बाद भारत ने सबूत दिए थे लेकिन पाकिस्तान ने तब भी कुछ नहीं किया।
डोजियर में यह भी होगा कि कैसे पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई अटैक बाद भारत की तरफ से दिए फोटो, DNA सैंपल और कॉल रिकॉर्ड के पुख्ता सबूत दिए थे, फिर भी पाकिस्तान ने कार्रवाई करने कर दिया था। साथ ही यह भी होगा कि 9/11 अटैक और 2005 के लंदन में हुए बम धमाके समेत दुनियाभर में हुए कई हमलों में पाकिस्तान का कनेक्शन था।
ब्रीफिंग के दौरान मौजूद रहे एक सांसद ने PTI को बताया कि विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान पर भरोसा करना 'चोर' पर भरोसा करने जैसा है, जो खुद अपने अपराधों की जांच करेगा।
पाकिस्तान कैसे होगा बेनकाब?
यह डेलिगेशन पाकिस्तान के झूठ से भी पर्दा उठाएगा। सूत्रों ने बताया कि ब्रीफिंग के दौरान विक्रम मिस्री ने डेलिगेशन से कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और PoK में सिर्फ आतंकी ठिकानों पर हमला किया था, न कि सैन्य या नागरिक ठिकानों पर। पाकिस्तान ने जब सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, तभी भारत ने जवाबी कार्रवाई की थी।
जापान, सिंगापुर, साउथ कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया जाने वाले डेलिगेशन की अगुवाई कर रहे जेडीयू नेता संजय झा ने कहा, 'दुनिया को हमारा संदेश यही होगा कि भारत ने अब फैसला कर लिया है। जब भी भारत ने अतीत में हुए आतंकी हमलों पर कार्रवाई करने को कहा है, तब-तब पाकिस्तान ने चोर जैसा बर्ताव किया है।'
शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे ने बताया कि न सिर्फ भारत में आतंकी घटनाओं के साथ पाकिस्तान के संबंधों को उजागर करेंगे, बल्कि भारत समेत दुनियाभर में इन घटनाओं से पाकिस्तान को जोड़ने वाले सबूत भी पेश करेंगे।
कई सांसदों ने बताया कि दुनिया को पाकिस्तान के आतंकवाद के बारे में बताए जाने की जरूरत है, क्योंकि वह भी अपना 'झूठ' गढ़ रहा है। एक सांसद ने कहा, 'अफ्रीका, किसी अरब देश या अमेरिका में बैठे लोग भारत में होने वाली हर आतंकी घटना पर नजर नहीं रखते हैं।'
कई पार्टियों के 51 सांसद हैं डेलिगेशन का हिस्सा
केंद्र सरकार ने जो 7 डेलिगेशन बनाए हैं, उनमें अलग-अलग पार्टियों के सांसदों समेत कई डिप्लोमैट्स भी शामिल हैं। इन डेलिगेशन में कई पार्टियों के 51 सांसद शामिल हैं। डेलिगेशन का पहला ग्रुप बुधवार को रवाना होगा। यह डेलिगेशन करीब दो हफ्तों में 32 देशों और यूरोपियन यूनियन का दौरा करेंगे।
तृणमूल कांग्रेस की तरफ से केंद्र ने पहले युसूफ पठान को डेलिगेशन में शामिल किया था। हालांकि, अब टीएमसी की तरफ से अभिषेक बनर्जी इस डेलिगेशन का हिस्सा होंगे।
आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल ने बताया, 'हम आतंकी घटनाओं पर बात करेंगे। हम जंग नहीं चाहते लेकिन हम यह भी बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई हमारे लोगों को नुकसान पहुंचाए। अगर हम पर हमला होता है तो हम आतंकी ठिकानों पर हमला करेंगे।'