पहलगाम अटैक के 2 दिन बाद बिहार के मधुबनी की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आतंकियों और उनके आकाओं को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। अब भारत ने आतंकियों को सजा दे दी है। पहलगाम अटैक का बदला ले लिया है। 6-7 मई की रात को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया और पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइलें बरसा दीं। 


2019 में पुलवामा अटैक के बाद भारत ने जो एयरस्ट्राइक की थी, इस बार उससे भी बड़ा हवाई हमला किया गया है। CNN ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 1971 की जंग के बाद यह पहली बार है, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान में इतने अंदर घुसकर हमला किया है। 


पाकिस्तान ने भी मान लिया है कि भारतीय सेना ने उनको घर में घुसकर मारा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की कार्रवाई को 'युद्ध' बताया है और कहा है कि पाकिस्तान के पास इसका जवाब देने का पूरा अधिकार है। 


वहीं, भारतीय सेना ने साफ किया है कि यह एयरस्ट्राइक सैन्य ठिकानों पर नहीं, बल्कि आतंकी ठिकानों पर की गई है। भारतीय सेना ने इस कार्रवाई को नपी-तुली, केंद्रित और सैन्य कार्रवाई को बढ़ावा न देने वाली प्रकृति की रही है।

 

यह भी पढ़ें-- कब, कहां और कैसे? पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' की पूरी कहानी

भारत ने कहां-कहां किया है हमला?

भारतीय सेना ने आतंकी संगनठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाते हुए हमला किया गया। ऑपरेशन सिंदूर को तीनों सेनाओं- आर्मी, एयरफोर्स और नेवी ने मिलकर अंजाम दिया है। एयरस्ट्राइक के लिए सटीक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, ताकि सीधे आतंकी ठिकानों पर हमला हो। 


भारत ने जिन 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया है, उनमें से 4 पाकिस्तान और 5 PoK में थे। भारतीय सेना ने PoK में बाघ, कोटली, भीमबेर और चेक आमरू में हमला किया है। वहीं, PoK में मुजफ्फराबाद, गुलपुर, सियालकोट, मुरीदके और बहावलपुर में एयरस्ट्राइक की गई है।

 


भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के ठिकानों को निशाना बनाया है। भारतीय सेना ने जैश के मरकज सुभान अल्लाह (बहावलपुर), लश्कर के मरकज तैयबा (मुरीदके), जैश के तेहरा कलां (शकरगढ़), हिज्बुल के महमूना जोया (सियालकोट), लश्कर के मरकज अहले हदित (भीमबेर), जैश के मरकज अब्बास (कोटली), हिज्बुल के मसकर राहिल शाहिद (कोटली), लश्कर के सवाई नाला कैंप (मुजफ्फराबाद) और बिलाल कैम (मुजफ्फराबाद) पर हवाई हमला किया है।

 

 

यह भी पढ़ें-- ऑपरेशन सिंदूर Live: पाक पर हमला, आतंकियों पर आग बरसा रही भारतीय सेना

यह 9 टारगेट ही क्यों चुने गए?

  1. बहावलपुरः यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है और अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 100 किलोमीटर दूर है। यहां जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर है। जैश का सरगना मसूद अजहर भारत में कई हमलों को अंजाम दे चुका है। जैश ने ही 2001 के संसद और 2019 के पुलवामा अटैक को अंजाम दिया था। भारतीय सेना ने बहावलपुर में जैश के मरकज सुभान अल्लाह को उड़ा दिया है। यहीं पर पुलवामा हमले की साजिश रची गई थी।
  2. मुरीदकेः यह भी पाकिस्तान के पंजाब में है। यहां आतंकी हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर है। यह लाहौर से 30 किलोमीटर दूर है। हाफिज सईद ने ही 2008 के मुंबई हमले की साजिश रची थी। भारत ने मुरीदके में लश्कर के मरकज तैयबा को उड़ाया है। इसे 2000 में बनाया था और लश्कर के आतंकियों का अहम ठिकाना था। इस मरकज को बनाने के लिए ओसामा बिन लादेन ने 1 करोड़ रुपये दिए थे। मुंबई हमले के आतंकियों को यहीं से ट्रेनिंग मिली थी। 
  3. गुलपुरः जम्मू के पुंछ-राजौरी से लगभग 35 किलोमीटर दूर है। यहां लश्कर-ए-तैयबा का कैंप है। अप्रैल 2023 में पुंछ और जून 2023 में तीर्थयात्रियों की बस पर अटैक की साजिश यहीं से रची गई थी। 
  4. मुजफ्फराबादः यहां के सवाई नाला कैंप पर भारत ने मिसाइल दागी है। इसे 2000 में लश्कर ने बनाया था। यहां लश्कर के आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी। इस कैंप में लश्कर का एक मदरसा भी था, जिसमें 40 कमरे थे। यह वही कैंप था जहां पहलगाम अटैक की साजिश रची गई थी। पाकिस्तानी सेना और ISI भी आतंकियों को हथियार देती थी। यहां पर करीब 50 से 100 आतंकी हमेशा रहते थे। यहां की सैयद बिलाल मस्जिद पर भी हमला किया गया है, जो जैश का ठिकाना थी।
  5. सियालकोटः यहां हिज्बुल मुजाहिद्दीन का ठिकाना था। भारतीय सेना ने यहां महमूना जोया पर हमला किया है। यहां हिज्बुल के आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी। आतंकियों को जम्मू में घुसपैठ करने के लिए तैयार किया जाता था। आतंकी इरफान खान यहां का कमांडर था। इरफान खान ने ही भारत में कई हमलों को अंजाम दिया था। 
  6. भीमबेरः यहां भी भारतीय सेना ने लश्कर के मरकज अहले हदित को उड़ा दिया है। यहां 100 से 150 आतंकी रहते हैं। जनवरी 2023 में राजौरी और जून 2024 में तीर्थयात्रियों पर हमले की साजिश इसी मरकज से रची गई थी। लश्कर और जमात-उद-दावा के आतंकी अक्सर यहां आया करते थे। 
  7. कोटलीः यहां जैश-ए-मोहम्मद का मरकज अब्बास बना था, जिसे भारतीय सेना ने उड़ा दिया है। यह मरकज कोटली के मिलिट्री कैंप से सिर्फ 2 किलोमीटर दूर था। इस इमारत में 40-50 आतंकी हमेशा रहते थे। जैश के संस्थापकों में से एक हाफिज अब्दुल शकूर यहां का कमांडर है। नवंबर 2016 में जम्मू में भारतीय सेना के कैंप पर आतंकी हमले की साजिश यहीं से रची गई थी।
  8. कोटलीः यहां हिज्बुल मुजाहिद्दीन का ठिकाना था। भारतीय सेना ने हिज्बुल के मसकर राहिल शाहिद पर हमला किया है। यह हिज्बुल के सबसे पुराने ठिकानों में से एक था। यहां आमतौर पर 25-30 आतंकी रहते थे। हिज्बुल का सरगना सैयद सलाहुद्दीन खुद नए आतंकियों की यहां भर्ती करता था। अभी यहां का कमांडर अबु माज है, जो आतंकियों को ट्रेनिंग देता था और भारत पर हमले के लिए तैयार करता था।
  9. शकरगढ़ः यहां जैश की तेहरा कलां फैसिलिटी थी, जिसे भारत ने निशाना बनाया है। यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले के शकरगढ़ में बना था। जैश का यह ठिकाना अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 6 किलोमीटर दूर था। भारत में घुसपैठ और हमले के लिए आतंकियों को यहीं ट्रेनिंग दी जाती थी। इसी जगह से जैश के आतंकी ड्रोन के जरिए हथियार भेजते थे। यहां आमतौर पर 20-25 आतंकी रहते थे। मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर यहां का कामकाज संभालता था।

यह भी पढ़ें-- '15 दिन गम के, अब बदला पूरा,' ऑपरेशन सिंदूर पर क्या कह रहे लोग?

भारत के ऐक्शन से बौखला गया पाकिस्तान

भारत की इस एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान दावा कर रहा है कि उसने भारत के 5 विमानों को मार गिराया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे 'ऐक्ट ऑफ वॉर' बताया है। शरीफ ने भारत को मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही है। 


शहबाज शरीफ ने कहा कि हमारी सेना अच्छे से जानती है कि दुश्मन से कैसे निपटना है। उन्होंने कहा, 'हम दुश्मन के नापाक इरादों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे।'


भारत की इस कार्रवाई से घबराकर शहबाज शरीफ ने नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की बैठक बुलाई है। इसके अलावा अगले 48 घंटों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है।