जम्मू कश्मीर के पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों पर हुए हमले में कम से कम एक 20 लोगों की मौत हो गई है और 10 लोग घायल हैं जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कम से कम दो घायलों की स्थिति काफी नाजुक है। मंगलवार को दिन में बायसरन में उग्रवादियों ने पर्यटकों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं जिसमें कई लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है। हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाई लेवल मीटिंग की है। मरने वालों में एक नेवी ऑफिसर भी थे जिनकी उम्र 26 साल थी। उनकी पोस्टिंग कोच्चि में थी, लेकिन इस वक्त वह छुट्टी पर थे। वह हरियाणा के रहने वाले थे और 16 अप्रैल को उनकी शादी हुई थी। इस घटना के बाद दिल्ली की सिक्युरिटी बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस को भी इस मामले में टूरिस्ट प्लेस पर विशेष ध्यान रखने को कहा गया है।

 

रिपोर्ट के मुताबिक यह कश्मीर का काफी बढ़िया टूरिस्ट प्लेस है जहां पर काफी लोग घूमने के लिए आते हैं। इसे 'मिनी स्विटजरलैंड' भी कहा जाता है। यहां तक पहुंचने के लिए या तो पैदल जाया जा सकता है और या तो खच्चरों के जरिए जाया जा सकता है। इसीलिए रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। अधिकारियों के मुताबिक रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एक हेलीकॉप्टर को तैनात किया गया ताकि तेजी से घायलों को वहां से निकाला जा सके। हालांकि, घटना के बाद कुछ घायल लोगों को वहां के स्थानीय लोगों के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया।

 

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दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

इस घटना पर चिंता जताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के साथ भारत की लड़ाई की लड़ाई के रास्ते से उसे कोई डिगा नहीं पाएगा। 

 

उन्होंने एक्स पर लिखा, 'मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि जो लोग घायल हैं वे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा...उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है, और यह और भी मजबूत होगा।'

 

इस घटना को लेकर पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह से भी बात की और उनसे जम्मू कश्मीर का दौरा करके उचित कदम उठाने के लिए कहा।

 

'कड़ी सजा देंगे'

इस बीच अमित शाह ने कहा कि आतंकवादियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर पहुंचकर वे सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ मीटिंग करेंगे। एक्स पर गृह मंत्री ने लिखा, 'जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से मैं बहुत दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवार के सदस्यों के साथ हैं। इस जघन्य आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और हम अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे तथा उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देंगे।'

 

 

RSS ने कहा दिल दहला देने वाली

आरएसएस ने इस घटना की आलोचना करते हुए कहा कि यह दिल दहला देने वाली है। यह देश की एकता और अखंडता पर हमला है। सभी राजनीतिक पार्टियों को अपने मतभेदों को भुलाकर इसकी निंदा करनी चाहिए। सरकार को प्रभावित परिवारों को सारी जरूरी सहायता मुहैया करानी चाहिए और दोषियों के लिए सजा सुनिश्चित करनी चाहिए।

 

गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ एक हाई लेवल मीटिंग की है।

 

 

महबूबा बोलीं- कायराना हरकत

वहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इसे कायराना हरकत बताते हुए इसकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने और संभावित सुरक्षा चूक के बारे में जानने के लिए गहन जांच की आवश्यकता है। टूरिस्ट की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोपरि है, और भविष्य में हमलों को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।'

 

 

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'टूरिज़म को खत्म करने की साजिश'

वहीं सज्जाद लोन ने कहा कि यह कश्मीर की टूरिस्ट इंडस्ट्री को खत्म करने की एक साजिश है। उन्होंने कहा, 'दशकों से हमारी मेहमान नवाजी के लिए हमारी तारीफ होती है और कुछ कायर आतंकवादी इसे खत्म करना चाहते हैं। सालों के संघर्ष के बाद हमारी टूरिस्ट इंडस्ट्री सामान्य रास्ते पर लौट रही थी '

 

टीआरएफ का हाथ

रिपोर्ट के मुताबिक दो-तीन उग्रवादियों ने बायसरन में उग्रवादियों के ऊपर अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरू कर दी। गोली लगने के कारण कई लोग घायल हो गए जिनमें से कुछ की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है।

 

 

खबरों के मुताबिक पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेजिंसटेंस फोर्स (टीआरएफ) ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है। अमरनाथ यात्रा कुछ दिनों में शुरू होने वाली है उसके पहले इस तरह की घटना का होना काफी परेशान करने वाला है। टीआरएफ को लश्कर-ए-तैय्यबा का ही स्थानीय रूप माना जाता है। इसका उदय कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद हुआ है।