दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की पंजाब पुलिस की सुरक्षा हटा दी गई है। दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पंजाब पुलिस के जवान केजरीवाल की सुरक्षा में तैनात किए गए थे। वहीं, दिल्ली पुलिस से भी केजरीवाल को जेड प्लस कैटगरी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।

 

हालांकि, अब जब पंजाब पुलिस ने अपनी सुरक्षा वापस ले ली है तो दिल्ली का सियासी पारा चढ़ गया है। सवाल उठ रहे है कि आखिर दूसरे राज्य की पुलिस अरविंद केजरीवाल को कैसे सुरक्षा मुहौया करा रही है? अरविंद केजरीवाल के लिए सुरक्षा कवर के लिए वास्तव में क्या प्रोटोकॉल है? आइये विस्तार से समझें:

 

केजरीवाल को जेड प्लस सुरक्षा

गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, अरविंद केजरीवाल को दिल्ली पुलिस ने जेड प्लस सुरक्षा दी है। अरविंद केजरीवाल को आमतौर पर Z+ या Z श्रेणी की सुरक्षा मिलती है, जिसमें उच्चस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होती है। Z+ श्रेणी में 50-55 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG), दिल्ली पुलिस, या अन्य सुरक्षा एजेंसियों के ट्रेन कमांडो शामिल होते हैं। 

 

आम जनता की छवि फिर इतनी सुरक्षा क्यों?

बता दें कि गृह मंत्रालय (MHA) खुफिया ब्यूरो (IB) की रिपोर्ट के आधार पर यह तय करता है कि किसे कितनी सुरक्षा दी जानी चाहिए। अगर किसी पर कोई विशेष खतरा हो, तो सुरक्षा श्रेणी बढ़ाई जा सकती है। हालांकि, केजरीवाल ने कई बार अपनी सुरक्षा को लेकर सार्वजनिक रूप से बयान दिए हैं कि वो साधारण व्यक्ति हैं और ज्यादा सुरक्षा नहीं चाहते लेकिन उनकी सुरक्षा के निर्णय व्यक्तिगत नहीं होते, बल्कि खतरे के आकलन और सरकारी प्रोटोकॉल पर आधारित होते हैं। 

अरविंद केजरीवाल को क्या-क्या मिली सुरक्षा?

अरविंद केजरीवाल की कार के आगे दिल्ली पुलिस की एक गाड़ी रहती है। इसमें दिल्ली पुलिस का एक ड्राइवर और दो सशस्त्र पुलिसकर्मी सवार रहते हैं। ऐसे ही केजरीवाल की कार के पीछे दिल्ली पुलिस की एक और गाड़ी रहती है, जिसमें दिल्ली पुलिस का एक ड्राइवर और दो हथियारबंद अधिकारी होते हैं। इसके अलावा दो निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ)  हथियारों से लैस केजरीवाल के साथ हमेशा रहते हैं। एक वर्दी में तो दूसरा आम जनता की वेशभूषा में। आपको बता दें कि केजरीवाल के आवास पर दिल्ली पुलिस के जवान सुरक्षा के तौर पर तैनात हैं। 

 

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पंजाब पुलिस क्यों?

दरअसल, अगर केजरीवाल पंजाब जाते हैं तो दिल्ली पुलिस के अधिकारी 72 घंटे तक उनके साथ रह सकते हैं। इस अवधि के बाद पंजाब पुलिस सुरक्षा व्यवस्था संभाल लेती है। अगर दिल्ली पुलिसकर्मी 72 घंटे से अधिक समय तक रुकते हैं तो उन्हें पंजाब पुलिस के अधिकारियों को इसकी सूचना देनी होती है। 

 

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने खुलासा किया कि पिछले कई दिनों से पंजाब पुलिस ने केजरीवाल की सुरक्षा के लिए 10-12 से अधिक सशस्त्र कर्मियों को तैनात किया था, जो कि सुरक्षा प्रोटोकॉल 'येलो बुक' में दिशानिर्देशों का उल्लंघन माना गया। सूत्रों ने यह भी दावा किया कि अगर किसी अन्य राज्य की पुलिस भी सुरक्षा प्रदान करती है, तो भी दिल्ली में कोई घटना होने पर जिम्मेदारी बाहरी बल पर नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस पर ही आएगी।