पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ भगवंत मान सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर को मोहाली में हिरासत में लिया है, वहीं करीब 700 किसानों को हिरासत में लिया गया है। किसान और सुरक्षाबलों के बीच प्रदर्शन स्थल खाली कराने को लेकर झड़प हुई। किसान दोनों जगहों पर 13 फरवरी 2024 से ही प्रदर्शन कर रहे थे।
 

हजारों की संख्या में पुलिसकर्मियों को दोनों जगहों पर तैनात किया गया है। पुलिस ने खनौरी बॉर्डर पर करीब 700 किसानों को हिरासत में लिया है, वहीं शंभू बॉर्डर पर भी 300 से ज्यादा किसान डटे हैं। खनौरी, संगरूर और पटियाला जिले के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को रोका गया है। 


शंभू-खनौरी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग हटाए गए 

शंभू बॉर्डर पर किसानों ने जो बैरिकेड्स बनाए थे, पुलिस ने उन्हें तोड़ दिया है। किसान नेताओं के खिलाफ हो रहे लगातार एक्शन के बाद अमृतसर-दिल्ली हाइवे पर बने टोल प्लाजा पर किसान जमा हो गए हैं। किसानों का कहना है कि उनकी नाराजगी जनता से नहीं, सरकार से है। 



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पुलिस ने क्या-क्या किया है?

  • शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल खाली हो चुके हैं।
  • बैरिकेड्स, गाड़ियों और अस्थाई निर्माण को हटाया जा चुका है।
  • एक साल से ब्लॉक सड़कों को खोल दिया गया है।
  • ट्रॉली और दूसरी गाड़ियों को हटाने के बाद इस सड़क को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। 


किसानों का क्या कहना है?

किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने कहा है कि सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को मोहाली में हिरासत में लिया गया है। किसान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाले केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद शंभू विरोध स्थल पर जा रहे थे। 


पंजाब सरकार क्या कह रही है?

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने किसानों पर हुए ऐक्शन को लेकर कहा है कि सड़कें बंद होने से उद्योग और व्यापार पर असर पड़ा है। सरकार की प्राथमिकता रोजगार है, रोजगार तभी मिल सकता है, जब अनुकूल स्थितियां हों। 


केंद्र सरकार क्या कह रही है?

केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने किसान नेताओं की हिरासत की निंदा की है। पंजाब में AAP सरकार पर केंद्र और किसानों के बीच चल रही बातचीत को रोकने का आरोप लगाया है।

 

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कब से चल रहा है प्रदर्शन?

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 13 फरवरी धरने पर बैठे हैं। किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर हैं। शंभू से अंबाला की सीमाएं लगती हैं, वहीं खनौरी से संगरूर और जींद की। किसान आंदोलन अब खत्म होता नजर आ रहा है।

 


किसानों की मांग क्या है?

किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी चाहते हैं। किसानों की मांग है कि लखीमपुर खीरी हिंसा और किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस हों, किसानों को पेंशन मिले, कर्जमाफी हो, सस्ती बिजली मिले। 

 

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बातचीत का क्या हल निकल सकता है?

चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र सरकार का केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल जुटा था। यह चर्चा, बिना किसी समाधान के खत्म हो गई। 3 घंटे तक बैठक चली। बैटक के बाद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। चर्चा सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से हुई। बातचीत जारी रहेगी। अगली बैठक 4 मई को होगी।' इस बैठक से पहले ही पंजाब सरकार ऐक्शन मोड में नजर आई है।