विपक्ष के विरोध और हंगामे के बीच गुरुवार को विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G बिल संसद से पास हो गया। लोकसभा से पास होने के कुछ घंटों बाद ही राज्यसभा से भी यह बिल ध्वनिमत से पास हो गया। यह बिल 20 साल पुराने MGNREGA की जगह लेगा। इसमें 125 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है।


इस बिल पर विपक्ष ने खूब हंगामा किया था। MGNREGA से महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने पर भी विपक्ष ने विरोध जताया था। विपक्ष ने इस बिल को संसदीय समिति के पास भेजने की मांग भी की थी। बिल पास होने के दौरान विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। 


राज्यसभा में बिल पर 5 घंटे की चर्चा का जवाब देते हुए ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर महात्मा गांधी के आदर्शों को खत्म करने और राजनीतिक फायदे के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार में MGNREA भ्रष्टाचार में डूबी हुई थी। उन्होंने कहा कि पुरानी योजना की खामियों को दूर करने के लिए नए कानून की जरूरत थी।


इससे पहले बुधवार को देर रात तक लोकसभा में इस बिल पर चर्चा हुई थी। गुरुवार को इस पर शिवराज सिंह ने जवाब दिया और उसके बाद बिल को ध्वनिमत से पास कर दिया गया।

 

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शिवराज सिंह चौहान ने क्या-क्या कहा?

राज्यसभा में बिल पेश करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'यह बिल बहुत जरूरी है, क्योंकि यह रोजगार के अवसर देगा, ग्रामीण भारत के विकास में मदद करेगा और देश को आगे ले जाएगा।'


उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए के दौरान में MGNREGA भ्रष्टाचार से भरा हुआ था और फंड खर्च नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना है, जिसके लिए गांवों का विकास बहुत जरूरी है।

 

 

विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन के बीच उन्होंने कहा, 'मैंने इन सभी घंटों तक विपक्ष को धैर्य से सुना और उम्मीद की कि विपक्ष चर्चा पर मेरा जवाब सुनेगा। अपनी बात कहकर, आरोप लगाकर और भाग जाना महात्मा गांधी के सपनों और आदर्शों की हत्या करने जैसा है।'


उन्होंने कहा, 'पूरा देश उनकी 'गुंडागर्दी' देख रहा है और विपक्ष लोकतंत्र का अपमान करने का पाप कर रहा है। सदन 'दादागिरी से नहीं चलेगा'।' चौहान ने कहा कि 'बापू' BJP के आदर्श हैं और पार्टी ने अपने कामकाज में महात्मा गांधी के सामाजिक और आर्थिक विचारों को अपनाया है।

 

 

चौहान ने आगे कहा, 'ग्रामीण विकास और रोजगार के लिए योजनाएं दशकों से बनाई गई हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों का विकास दूर की कौड़ी बना रहा। जबकि मूल योजना 2005 में शुरू की गई थी, कांग्रेस ने चुनावी फायदे के लिए 2009 में महात्मा गांधी का नाम जोड़ा।'


कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, 'वे अपनी राजनीति के लिए महात्मा गांधी के नाम का इस्तेमाल करते हैं। अगर किसी ने महात्मा गांधी के आदर्शों की हत्या की है, तो वह कांग्रेस है जिसने ऐसा किया है। उन्होंने इमरजेंसी के दौरान और धोखाधड़ी और घोटालों के दौरान गांधी के आदर्शों की कई बार हत्या की है। वे अब भी सदन में हंगामा और गड़बड़ी करके ऐसा कर रहे हैं।'

 

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बिल पास तो संसद में ही धरने पर बैठा विपक्ष

राज्यसभा में जब बिल पर चर्चा हो रही थी, तब खूब हंगामा हुआ। कई विपक्षी सांसदों ने बिल की कॉपी भी फाड़ दी। बिल जब पास हो रहा था तो विपक्षी सांसद उठकर बाहर चले गए।


बाद में विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में संविधान सदन के बाहर धरना दिया। विपक्षी सांसद देर रात तक धरने पर बैठे रहे। टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने आरोप लगाया कि सरकार पूरी तरह से जनता विरोधी और गरीब विरोध बिल लाई है।

 

 

उन्होंने कहा, 'यह भारत के गरीबों का अपमान है, यह महात्मा गांधी का अपमान है, यह रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान है। सिर्फ पांच घंटे के नोटिस पर, यह बिल हमें दिया गया। हमें ठीक से बहस करने की इजाजत नहीं दी गई।'


कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस दिन को 'देश के मज़दूरों के लिए दुखद दिन' बताया और मोदी सरकार पर किसान विरोधी और गरीब विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'यह शायद भारत के मजदूरों के लिए सबसे दुखद दिन है। बीजेपी सरकार ने MGNREGA को खत्म करके 12 करोड़ लोगों की आजीविका पर हमला किया है। उन्होंने साबित कर दिया है कि मोदी सरकार किसान विरोधी और गरीब विरोधी है।'

 

 

कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक ने कहा, 'जब MGNREGA का ड्राफ्ट बनाया गया था, तो 14 महीने तक सलाह-मशविरा किया गया था। इसे संसद में आम सहमति से पास किया गया था।' उन्होंने कहा कि यह योजना राज्यों पर बहुत ज्यादा आर्थिक बोझ डालेगी और यह फेल हो जाएगी।

 

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खड़गे ने क्या कहा?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि गरीबों से जुड़े कानून में बदलाव करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर आप ऐसे ही काम करते रहे तो कोई आपको माफ नहीं करेगा।


खड़गे ने कहा, 'MGNREGA एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण कानून है। हमें इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि यह गरीबों से जुड़ा कानून है और इसके साथ छेड़छाड़ करना अच्छा नहीं है। इसलिए मैं कहूंगा कि यह अच्छा नहीं है कि आप पुराने कानून की जगह नया कानून लाने की कोशिश कर रहे हैं। लोग आपको सड़कों पर घूमने नहीं देंगे।'


उन्होंने कहा कि MGNREGA उन गरीबों को खाना खिलाने के लिए शुरू किया गया था जो काम नहीं कर सकते थे और आज आप उनसे उनके अधिकार छीन रहे हैं। खड़गे ने कहा, 'इसके पीछे आपका क्या इरादा है? गरीब लोगों को कमजोर करना। उन्हें कुचलना और उन्हें फिर से गुलामी में धकेलना।'

 

 

उन्होंने कहा कि नया कानून भी उसी तरह वापस लेना पड़ेगा, जैसे तीन काले कृषि कानून वापस लिए गए थे। खड़गे ने कहा, 'हम सड़कों पर उतरेंगे। हम गोलियों का भी सामना करेंगे लेकिन हम इस कानून का कभी समर्थन नहीं करेंगे।'


भावुक होकर खड़गे ने कहा, 'मैं अपनी मां की कसम खाता हूं, यह कानून गरीबों के लिए अच्छा नहीं है और आप गरीबों को खत्म करना चाहते हैं।' उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि केंद्र इसे वापस ले ले या कम से कम इसे संसद की सेलेक्ट कमेटी को भेज दे।