आंध्र प्रदेश को केंद्र सरकार की तरफ से बहुत बड़ी सौगात मिली है। 7 फरवरी को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'साउथ कोस्ट रेलवे जोन' को बनाने के लिए पूर्ण मंजूरी दे दी। भारतीय रेलवे ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत साउथ कोस्ट रेलवे जोन का गठन कर दिया है। यह वही अधिनियम है, जिसकी वजह से तेलंगाना राज्य का गठन हुआ है।

 

यह जोन रेलवे का 18वां डिवीजन होगा। इस जोन को ईस्ट कोस्ट रेलवे और साउथ सेंट्रल रेलवे जोन के कुछ हिस्सों को काटकर बनाया जाएगा है। इस जोन से रेलवे का कामकाज सुधरेगा। सेवाएं बेहतर होंगी और क्षेत्रीय संपर्क मजबूत होगा। साथ ही इसे रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम बताया जा रहा है। 

 

लंबे समय से चल रही थी मांग 

 

बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगु देशम यानी टीडीपी बीजेपी के नेतृत्‍व वाली एनडीए की केंद्र सरकार का ह‍िस्‍सा है। यह मंजूरी आंध्र प्रदेश के ल‍िए बड़ी सौगात है। आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद अलग रेलवे जोन की मांग लंबे समय से चल रही थी, लेकिन यह मांग राज्य और केंद्र के बीच सत्ता के तालमेल के बाद ही पूरी हो पाई है।

 

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वाल्टेयर रेलवे डिवीजन दो भागों में बांटा

 

दरअसल, कैबिनेट ने रेलवे के सबसे बड़े राजस्व बनाने वाले क्षेत्रों में से एक वाल्टेयर रेलवे डिवीजन को भी दो भागों में बांट दिया है। सरकार ने इसे औपनिवेशिक युग के नाम का हवाला देते हुए नाम बदलकर 'विशाखापत्तनम रेलवे डिवीजन' कर दिया है। साथ ही इसे साउथ कोस्ट रेलवे जोन में शामिल कर लिया है। दूसरे हिस्से को ईस्ट कोस्ट रेलवे के तहत ओडिशा के रायगढ़ में मुख्यालय के साथ एक नए डिवीजन में तौर पर बदला जाएगा।

 

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वाल्टेयर रेलवे डिवीजन रेलवे के दक्षिण तटीय रेलवे डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले चार रेलवे डिवीजनों में से एक था। यह डिविजन रेलवे की क्षमता में सुधार करने और बढ़ते यात्रियों और माल ढुलाई की मांगों को भी पूरा करने में मदद करेगा।

 

भारतीय रेलवे में कितने जोन?

 

फिलहाल भारतीय रेलवे में 17 जोन और 68 डिवीजन हैं। ये जोन मध्य रेलवे, पूर्व रेलवे, पूर्व मध्य रेलवे, पूर्वी तट रेलवे, उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे, उत्तर पश्चिम रेलवे,  दक्षिण रेलवे, दक्षिण मध्य रेलवे,  दक्षिण पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे,  दक्षिण पश्चिम रेलवे, पश्चिम रेलवे,  पश्चिम मध्य रेलवे और मेट्रो रेलवे कोलकाता हैं। साउथ कोस्‍ट रेलवे जोन के बनने के बाद जोन्स की संख्या 18 हो जाएगी।