अभिनेता दर्शन एक हत्या के मामले में गिरफ्तार हुए थे लेकिन उन्हें जमानत मिल गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर दी है और आदेश दिए हैं कि दर्शन को गिरफ्तार किया जाए। इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने दर्शन को जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस फैसले में कई खामियां हैं। यह मामला पिछले साल जून के महीने में हुई रेणुकास्वामी नाम के शख्स की हत्या से जुड़ा है। आरोप है कि दर्शन और उनके सहयोगियों ने रेणुकास्वामी को किडनैप किया और इतना टॉर्चर किया कि उनकी मौत हो गई। रेणुकास्वामी का शव एक नाले से बरामद किया गया था। 

 

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि इसमें कई खामियां हैं। इस बेंच ने कहा, 'हमने हर पहलू पर विचार किया। जमानत देने और उसे रद्द करने पर भी। यह स्पष्ट है कि हाई कोर्ट के आदेश में गंभीर खामियां हैं और यह एक सिस्टमैटिक तरीके को दर्शाता है। इसके अलावा हाई कोर्ट ने सुनवाई से पहले के चरण में ही समीक्षा शुरू कर दी।'

 

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि अधीनस्थ अदालत ही उचित मंच है, पुख्ता आरोपों और फोरेंसिक सबूतों से जमानत रद्द करने के आधार की पुष्टि होती है, इसलिए याचिकाकर्ता की जमानत रद्द की जाती है। बता दें कि हाई कोर्ट ने 13 दिसंबर, 2024 को दर्शन और उनके सहयोगियों को जमानत दे दी थी।

 

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क्या है मामला? 

 

दर्शन पर आरोप है कि उन्होंने अभिनेत्री और अपनी पत्नी पवित्रा गौड़ा और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर 33 वर्षीय रेणुकास्वामी नामक एक फैन को किडनैप कर लिया था। इसके पीछे की वजह यह बताई जाती है कि रेणुकास्वामी ने पवित्रा को कथित तौर पर अश्लील संदेश भेजे थे। पुलिस ने आरोप लगाए हैं कि रेणुकास्वामी को जून 2024 में तीन दिन तक बेंगलुरु के एक शेड में रखा गया, प्रताड़ित किया गया और उसका शव एक नाले से बरामद हुआ। पुलिस पर दबाव बढ़ने के बाद इस मामले में दर्शन को गिरफ्तार कर लिया गया था।

 

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बाद में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें देखा गया था कि जेल में दर्शन को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। इसको लेकर राज्य सरकार भी जमकर किरकिरी हुई थी। इसी केस में सुप्रीम कोर्ट ने 24 जनवरी को राज्य सरकार की याचिका पर दर्शन, पवित्रा गौड़ा और अन्य को इस मामले में नोटिस जारी किए थे।