भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने सोमवार को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के 'मुस्लिम कमिश्नर' वाले बयान पर पलटवार किया। कुरैशी ने बीजेपी सांसद पर निशाना साधते हुए कहा कि वह भारत के ऐसे विचार में विश्वास करते हैं, जहां व्यक्ति की पहचान उसके योगदान से होती है। उन्होंने बीजेपी सांसद दुबे के बयानों को लेकर कहा कि कुछ लोगों के लिए, धार्मिक पहचान उनकी नफरत वाली राजनीति को आगे बढ़ाने का मुख्य आधार है।

 

उन्होंने कहा कि भारत हमेशा अपनी संवैधानिक संस्थाओं और सिद्धांतों के लिए खड़ा रहा है, खड़ा है और खड़ा रहेगा तथा लड़ता रहेगा। कुरैशी ने कहा, 'मैंने इलेक्शन कमिश्नर के संवैधानिक पद पर अपनी पूरी क्षमता से काम किया है और भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में मेरा लंबा और संतोषजनक कॅरियर रहा। मैं भारत के ऐसे विचार में विश्वास करता हूं, जहां व्यक्ति को उसकी प्रतिभा और योगदान से परिभाषित किया जाता है, न कि उसकी धार्मिक पहचान से।'

 

यह भी पढ़ें: कैशकांड में घिरे जस्टिस वर्मा, 52 मामलों की होगी नए सिरे से सुनवाई

 

बीजेपी ने दूबे के बयान से किया किनारा

 

दरअसल, भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के खिलाफ अपने बयान से विवाद खड़ा करने के बाद, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह निर्वाचन आयुक्त नहीं बल्कि 'मुस्लिम कमिश्नर' थे। दूबे के इस बयान के बाद से उनपर कोर्ट की अवमामना की कार्रवाई की तलवार लटक रही है। दूबे के बयान से विवाद बढ़ने से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बयान जारी करके किनारा कर लिया है।

 

कुरैशी ने 'वक्फ' को लेकर दिया था बयान

 

बता दें कि कुरैशी ने कुछ दिन पहले ही वक्फ (संशोधन) अधिनियम की आलोचना करते हुए इसे मुसलमानों की जमीन हड़पने की सरकार की बुरी योजना बताया था। कुरैशी ने 17 अप्रैल को एक्स पर कहा था, 'वक्फ अधिनियम निस्संदेह मुस्लिम जमीन हड़पने की सरकार की एक भयावह और बुरी योजना है। मुझे यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर सवाल उठाएगा। शरारतपूर्ण प्रचार तंत्र द्वारा फैलाई गई गलत सूचना ने अपना काम बखूबी किया है।'

 

यह भी पढ़ें: कौन थे विनय सिंह जिसकी हत्या पर आंदोलन की धमकी दे रही करणी सेना?

 

निशिकांत दुबे ने क्या कहा था?

 

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए निशिकांत दुबे ने कहा, 'आप निर्वाचन आयुक्त नहीं थे, आप मुस्लिम आयुक्त थे। झारखंड के संथाल परगना में आपके कार्यकाल में सबसे ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोटर बनाया गया। पैगंबर मुहम्मद का इस्लाम 712 में भारत आया था। उससे पहले यह भूमि (वक्फ) हिंदुओं या उस धर्म से जुड़े आदिवासियों, जैनियों या बौद्धों की थी।' 

 

बता दें कि एस वाई कुरैशी 1971 बैच के हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। वह जुलाई 2010 से जून 2012 तक भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त थे।