तेलंगाना के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) हादसे के 7 दिन बीत गए हैं, अभी तक मजदूरों की लोकेशन नहीं मिल पाई है। उन तक पहुंचने के लिए लगातार सुरंग की खुदाई हो रही है लेकिन अभी तक राहत की खबर सामने नहीं आई है। सुरंग खोदने के लिए TBM मशीन का इस्तेमाल हो रहा है। सुरंग की छत ढहने के बाद 8 मजदूर और इंजीनयर सुरंग में ही फंसे रह गए हैं। 

नागरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने कहा है कि NDRF, सेना और माइनिंग कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज, रैट होल और कई अन्य टीमें मजदूरों को बाहर निकालने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पानी और मलबा हटाया जा रहा है। जब तक फंसे लोगों तक टीम पहुंचती नहीं है, बाधाओं को पार करना ही होगा। 

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क्यों मुश्किलें आ रही हैं?
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुरंग का जो कन्वेयर बेल्ट टूटा है, उसकी मरम्मत शनिवार को पूरी कर ली जाएगी। NGRI के वैज्ञानिकों ने गाउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) का इस्तेमाल किया है, जिसके चलते सुरंग के अंदर आई खामियों का पता चल पाया है। सुरंग में मलबा और पानी है, जिसे हटाने में मुश्किलें आ रही हैं।



500 से ज्यादा लोग कर रहे हैं रेस्क्यू
SLBC टन प्रोजेक्ट पर काम कर रहे 8 मजदूर और अधिकारी 22 फरवरी से ही मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था, जिसके बाद वे फंस गए। बीते कई दिनों से सेना और नेवी के साथ-साथ अलग-अलग रेस्क्यू संस्थाओं के 500 से ज्यादा लोग रेस्क्यू अभियान पूरा करने के लिए उतरे हैं। 

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फंसे श्रमिकों के नाम और राज्य क्या हैं?
यूपी: मनोज कुमार
यूपी: श्रीनिवास
जम्मू-कश्मीर: सनी सिंह
पंजाब: गुरप्रीत सिंह
झारखंड: संदीप साहू, जेगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू

सुरंग के अंदर फंसने वाले लोगों में 2 इंजीनियर, 2 ऑपरेटर और 4 मजदूर हैं। यह प्रोजेक्ट जयप्रकाश एसोसिएट्स के पास है। यह SLBC टनल प्रोजेक्ट का ही एक फर्म है। केंद्र सरकार, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से लेकर स्थानीय नागरिकों तक, सबकी नजर जल्द से जल्द रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कराने पर है।