logo

ट्रेंडिंग:

SLBC सुरंग में पानी, गहरे फंसे मजदूर, यूं ही नहीं मुश्किल हुआ रेस्क्यू

तेंलगाना में निर्णाधीन SLBC सुरंग में हादसा हो गया है। सुरंग की छत ढहने से करीब 8 लोग फंस गए हैं। उन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू आपरेशन जारी है। क्यों रेस्क्यू मुश्किल हो रहा है, पढ़ें रिपोर्ट।

SLBC

श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) . (Photo Credit: PTI)

तेलंगाना के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) में बड़ा हादसा हुआ है। सुरंग की छत ढहने की वजह से 8 मजदूर अंदर फंस गए हैं, वहीं कई अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए जो रेस्क्यू टीमें सुरंग में उतरीं हैं, उनके लिए बचाव अभियान मुश्किल बनता जा रहा है। 

श्रीशैलम लेफ्ट  बैंक सुरंग में पानी भरा हुआ है। बचाव दल के अधिकारियों का कहना है कि अगर मजदूरों को बाहर निकालना है तो पहले सुरंग के भीतर से पानी निकालना होगा। कृष्णा नदी के पानी को नलगोंडा जिले में ले जाने के लिए ही ये टनल बनाई जा रही थी। यहां बीते 5 साल से काम चल रहा है। 

बचाव दल के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहा है, 'सुरंग के चारों ओर पानी है और ऊपर की पहाड़ियों से सुरंग में रिसाव हो रहा है। सुरंग की छत से यह रिसाव कुछ हद तक कम हो जाता लेकिन यही छत ढह गई है।'

यह भी पढ़ें; तेलंगाना टनल हादसा: 8 अभी भी फंसे, PM मोदी ने CM रेवंत से की बात

क्या है रेस्क्यू टीम की रणनीति?
बचाव दल का कहना है कि पहला काम सुरंग से पानी निकालना है। पानी को पंप करके बाहर निकाला जाएगा। 100 और 70 हॉर्स पावर वाले दो पम्प मौके पर लाए गए हैं। पानी निकालने के बाद सुरंग को खोदने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कन्वेयर बेल्ट की मदद ली जाएगी। 

सुरंग के भीतर लगभग 13 या 14 किलोमीटर पर काम चल रहा है। यहां सुबह करीब साढ़े आठ से नौ बजे के बीच सुरंग में अचानक कीचड़ और पानी निकलने लगा। अब पहला काम 9 किलोमीटर दूरी तक रेस्क्यू उपकरण पहुंचाना है। रेस्क्यू अधिकारियों का कहना है कि बाकी इलाके की पड़ताल के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे लोगों की जान जोखिम में न पड़े। 

कहां फंसे हैं मजदूर?
बचाव दल के अधिकारियों का कहना है कि सुरंग में 13.5 किलोमीटर अंदर जाने के बाद 8 कर्मचारी फंस गए हैं। सुरंग का व्यास 9.5 फीट है। यह बड़ी सुरंग है, अगर बता चल जाए कि लोग कहां हैं तो रेस्क्यू टीम को अंदर भेजा जा सकता है।

क्या ड्रिलिंग से बाहर निकाले जाएंगे मजदूर
अधिकारियों का कहना है कि श्रमिकों तक पहुंचने के लिए ऊपर से ड्रिलिंग करना बेहद मुश्किल काम है। सुरंग की छत पर मोटी चट्टानी चादरें हैं। यहां सुरंग दो बार अंदर ढह चुकी है।

यह भी पढ़ें: न पुतिन जीते-न जेलेंस्की हारे, रूस-यूक्रेन जंग के 3 साल में क्या मिला?

कितने मजदूर फंसे हैं?
सुरंग के अंदर दो बार छत ढह चुकी है। सुरंग में जब यह हादसा हुआ है, तब 50 लोग थे। पहली बार चट्टान गिरी तो 42 लोग पीछे भागने में कामयाब रहे। करीब 150 मीटर की दूरी पर एक और चट्टान गिर गई। सुरंग के स्थिति की पड़ताल अभी विशेषज्ञों की टीम कर रही है।

कौन हैं सुरंग में फंसे मजदूर?
फंसे हुए श्रमिकों की पहचान सामने आई है। उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्री निवास, झारखंड के संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू, जम्मू और कश्मीर के सनी सिंह और पंजाब के गुरप्रीत सिंह सुरंग के अंदर फंस गए हैं। 

किस हाल में होंगे मजदूर?
अधिकारियों का कहना है कि सुरंग के अंदर वेंटिलेशन सिस्टम काम कर रहा है। फंसे मजदूरों को ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होने पाएगी। बाहर एंबुलेंस और मेडिकल टीमें तैनात हैं। इमरजेंसी मोड में काम किया जा रहा है।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap