अब ऐसे लोगों को लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा, जो तीन महीने के भीतर ई-चालान जमा नहीं करेंगे। इतना ही नहीं, अगर एक साल में रेड सिग्नल तोड़ने या फिर खतरनाक ड्राइविंग करने के तीन चालान जमा होते हैं तो उसका लाइसेंस 3 महीने के लिए जब्त कर लिया जाएगा।


ट्रैफिक नियमों को तोड़कर समय पर चालान जमा नहीं करने वालों को सजा देने के मकसद से नियमों को सख्त किया गया है। 

 

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ई-चालान से सिर्फ 40 फीसदी वसूली

लाइसेंस जब्त करने का फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि बड़े पैमाने पर ई-चालान के जुर्माने की वसूली नहीं हो पा रही है। मुश्किल से 40 फीसदी चालान की वसूली ही हो रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अब तक 31.1 करोड़ ई-चालान जारी हुए हैं। इनमें 40,548 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है लेकिन इसमें से सिर्फ 16,324 करोड़ रुपये यानी 40 फीसदी की ही वसूली हो पाई है।


रिपोर्ट से पता चलता है कि राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में ही ई-चालान से सबसे ज्यादा वसूली हुई है। इस साल मार्च तक राजस्थान में 76 फीसदी, बिहार में 71 फीसदी, एमपी में 66 फीसदी, महाराष्ट्र में 64 फीसदी और हरियाणा में 62 फीसदी जुर्माना भरा गया है। 


वहीं, दिल्ली और कर्नाटक जैसे राज्यों में वसूली सबसे कम है। दिल्ली में 14 फीसदी, कर्नाटक में 21 फीसदी, तमिलनाडु में 27 फीसदी, यूपी में 27 फीसदी और ओडिशा में 29 फीसदी ई-चालान का जुर्माना भरा गया। 

 

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ड्राइविंग लाइसेंस होगा सस्पेंड

रिपोर्ट के मुताबिक, अब एक नया सिस्टम बनाया जाएगा, ताकि लोग जल्द से जल्द अपना ई-चालान का जुर्माना भर दें। 


बताया जा रहा है कि ट्रैफिक नियम तोड़ने पर तीन दिन के भीतर ड्राइवर या मालिक को ई-चालान भेजा जाएगा। ड्राइवर के पास इस ई-चालान को भरने के लिए 30 दिन का समय होगा। अगर 30 दिन के भीतर ड्राइवर ने ई-चालान को चुनौती नहीं दी तो इसे गलती माना जाएगा। इसके बाद अगर 90 दिन में भी भुगतान नहीं किया गया तो ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड को सस्पेंड कर दिया जाएगा।


अगर किसी व्यक्ति को ई-चालान जारी किया जाता है तो उसे 30 दिन के भीतर इसे चुनौती देना होगा। शिकायत अधिकारी को 30 दिन के भीतर इसका निपटारा करना होगा। अगर निपटारा नहीं होता है तो चालान को रद्द कर दिया जाएगा।