अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ अब भारत पर भी लगने वाला है। ट्रंप ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वे 2 अप्रैल से भारत पर 'रेसिप्रोकल टैरिफ' लगाएंगे।
रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जैसे को तैसा। इसका मतलब हुआ कि जो देश जितना टैरिफ अमेरिकी इम्पोर्ट पर लगाता है, उतना ही टैरिफ उसके इम्पोर्ट पर भी लगेगा। फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद ट्रंप ने भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था, 'भारत जो भी टैरिफ लगाएगा, हम भी उतना ही टैरिफ लगाएंगे।'
अब ट्रंप 2 अप्रैल से नए टैरिफ लगाने जा रहे हैं। ट्रंप 2 अप्रैल को 'लिबरेशन डे' बता रहे हैं। ट्रंप का मानना है कि टैरिफ लगाकर अमेरिका का व्यापार घाटा कम किया जा सकता। टैरिफ की वजह से अमेरिका में महंगाई बढ़ने का खतरा भी है लेकिन ट्रंप को इसकी परवाह नहीं है। हाल ही में ट्रंप ने विदेश से आने वाली कारें और ऑटो पार्ट्स पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है। इससे अमेरिका में विदेशी कारों की कीमतें महंगी हो सकती हैं। इसे लेकर जब ट्रंप से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि अगर विदेशी कारें महंगी होती हैं तो लोग अमेरिकी कार खरीदेंगे।'
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भारत पर टैरिफ क्यों?
ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी एक-दूसरे को अच्छा दोस्त बताते हैं। हालांकि, ट्रंप कई बार भारत को 'टैरिफ किंग' और 'टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला देश' बता चुके हैं। यही कारण है कि ट्रंप अब भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहे हैं।
वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) के मुताबिक, भारत में औसत टैरिफ सबसे ज्यादा है। भारत में औसत टैरिफ 17% तो अमेरिका में 3.3% है।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका से आने वाले खाने-पीने के सामान, मांस और प्रोसेस्ड फूड पर भारत में 37.66% टैरिफ लगता है, जबकि इन्हीं सामानों पर भारत को अमेरिका में 5.29% टैरिफ देना पड़ता है। इसी तरह ऑटोमोबाइल पर भारत 24.14% तो अमेरिका 1.05% टैरिफ लगाता है। शराब पर भारत 124.58% तो अमेरिका 2.49% टैरिफ वसूलता है। सिगरेट और तंबाकू पर अमेरिका में 201.15% तो भारत में 33% टैरिफ लगता है।
ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ से सबसे ज्यादा असर दवाओं पर पड़ेगा। अमेरिका में भारत से सस्ती दवाएं जाती हैं। भारत से अमेरिका 12 अरब डॉलर से ज्यादा की दवाएं और फार्मा प्रोडक्ट्स लेता है। अभी अमेरिका में फार्मा प्रोडक्ट्स पर 1.06% जबकि भारत में 9.68% टैरिफ लगाया जाता है।

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टैरिफ से होगा क्या?
ट्रंप का कहना है कि टैरिफ लगाकर वे अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करेंगे। व्यापार घाटा असल में तब होता है, जब कोई देश किसी दूसरे देश से आयात ज्यादा करता है लेकिन निर्यात कम। भारत और अमेरिका के बीच करीब 45 अरब डॉलर का व्यापार घाटा है।
कॉमर्स मिनिस्ट्री के मुताबिक, भारत से 73.7 अरब डॉलर का निर्यात जबकि अमेरिका से 39.1 अरब डॉलर का आयात होता है। हालांकि, अमेरिकी सरकार के आंकड़े इससे अलग हैं। अमेरिका के आंकड़े बताते हैं कि भारत से 91.2 अरब डॉलर का निर्यात तो 34.3 अरब डॉलर का आयात होता है।
अब व्यापार घाटा कैसे कम होगा? दरअसल, टैरिफ लगने से आयात महंगा हो जाता है। इससे आयात कम होता है और व्यापार घाटा कम करने में मदद मिलती है।
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भारत क्या करेगा?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के जवाब में दूसरे देश भी टैरिफ लगा रहे हैं। हालांकि, भारत इसकी बजाय कई अमेरिकी सामान पर टैरिफ घटाने की तैयारी कर रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत 23 अरब डॉलर से ज्यादा के अमेरिकी आयात पर टैरिफ आधा करने की तैयारी में है।
रॉयटर्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत के 87% निर्यात पर असर पड़ेगा, जिसकी कीमत 66 अरब डॉलर है। इसलिए भारत अमेरिका से आने वाले 55% आयात पर टैरिफ कम करने के लिए तैयार है, जिनपर अभी तक 5% से 30% टैरिफ लगता था। एक सूत्र ने बताया है कि अमेरिका से आयात होने वाले 23 अरब डॉलर से ज्यादा के समान पर टैरिफ को काफी कम कर दिया जाएगा और कुछ को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा।
न्यूज एजेंसी ने बताया कि भारत ने पहले ही अमेरिका से आने वाले मक्का, मांस, गेहूं और डेयरी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ खत्म कर दिया है। इन पर 30 से 60 फीसदी तक टैरिफ लगता था। बताया जा रहा है कि भारत ऑटो प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम करने की तैयारी कर रहा है। ट्रंप का दावा है कि भारत ऑटोमोबाइल पर 100 फीसदी से ज्यादा टैरिफ लगाता है।