तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम सुरंग नहर के निर्माणाधीन खंड का एक हिस्सा ढहने की वजह से हुई दुर्घटना में अभी भी कम से कम 8 श्रमिक फंस हुए हैं। निर्माण कंपनी की टीम स्थिति का जायजा लेने के लिए सुरंग के अंदर गई है। मजदूरों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
तेलंगाना सरकार श्रमिकों को बाहर निकालने की कोशिश में लगी हुई है और इसके लिए उसके टनल रेस्क्यू एक्सपर्ट्स से संपर्क किया है। सरकार उन एक्सपर्ट्स से भी संपर्क किया है जिन्होंने उत्तराखंड में सिलक्यारा टनल ढहने के दौरान लोगों की मदद की थी।
टनल में इस वक्त 8 लोगों के फंसे होने की खबर है।
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पीएम मोदी से की बात
शनिवार शाम को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने पीएम मोदी से बात की। खबरों के मुताबिक पीएम मोदी की तरफ से एनडीआरफ टीम भेजने का आश्वासन दिया गया है। फंसे हुए लोगों में दो भारतीय इंजीनियर भी हैं जो कि अमेरिकी कंपनी रॉबिन्स कंपनी के लिए काम करते हैं।
क्या हुआ था
शनिवार को सुबह टनल के ढह जाने की वजह से कई लोग टनल के अंदर फंस गए थे। सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि उम्मीद करते हैं कि सभी आठों लोग अभी जिंदा हों। मंत्री ने कहा कि अमेरिकी फर्म के दो मशीन इंजीनियर और निर्माण एजेंसी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के छह कर्मचारी अंदर फंसे हुए हैं।
उन्होंने कहा, 'ये सभी उत्तर भारत से हैं - चार झारखंड से, दो यूपी से और एक-एक जम्मू-कश्मीर और पंजाब से हैं।'
रेड्डी ने रॉबिंस के साइट इंजीनियर ग्लेन मेनार्ड से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने सुबह 10 बजे काम करना शुरू किया तो उन्होंने सुरंग के एक तरफ से पानी और कीचड़ का रिसाव देखा। उन्होंने कहा, 'कुछ ही देर में सुरंग ढहने लगी। उन्होंने श्रमिकों को निकालना शुरू कर दिया। सुरंग बनाने वाली मशीन पर और उसके आसपास मौजूद सभी लोगों को निकाल लिया गया और उनकी पहचान कर ली गई। हालांकि, मशीन के सामने मौजूद लोग फंस गए। सुरंग के अंदर करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर आठ लोग फंसे हुए हैं। उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। हमने एनडीआरएफ से मदद मांगी है और हम उत्तराखंड में सुरंग से श्रमिकों को बचाने वाली टीम के संपर्क में हैं।'
NDRF के पहुंचने की उम्मीद
लाइफ सेविंग इक्विपमेंट के साथ एनडीआरएफ टीम के कुछ ही देर में पहुंचने की उम्मीद है। साथ ही जल्द ही उत्तराखंड के सिल्क्यारा टनल में रेस्क्यू करने वाले लोगों की भी सहायता लिए जाने की उम्मीद है।
अधिकारियों को दिए निर्देश
पुलिस अधिकारी ने कहा, 'घटना उस समय हुई जब कुछ श्रमिक काम के सिलसिले में अंदर गए थे, तभी सुरंग के 12-13 किलोमीटर अंदर छत का एक हिस्सा ढह गया।' मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में संख्या बताए बिना कहा गया कि कुछ लोग घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों को राहत कार्य के लिए घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, राज्य के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी, सिंचाई मामलों के सरकारी सलाहकार आदित्यनाथ दास और अन्य सिंचाई अधिकारी घटनास्थल के लिए रवाना हुए हैं। श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) का निर्माणाधीन हिस्सा अमराबाद में स्थित है। श्रीशैलम बोर्ड ने कहा, 'डोमलपेंटा के पास श्रीशैलम बांध के पीछे SLBC सुरंग का एक हिस्सा शनिवार को ढह गया। 14वें किलोमीटर के एक पॉइंट पर बाईं ओर की सुरंग की छत तीन मीटर तक ढह गई। यह तब हुआ जब कर्मचारी साइट पर अपनी ड्यूटी कर रहे थे।'
CM रेवंत रेड्डी की हादसे पर है नजर
सुरंग को चार दिन पहले ही फिर से खोला गया था। सीएम रेवंत रेड्डी ने सोशल मीडिया पर इस हादसे पर दुख जाहिर किया है। सुरंग ढहने की वजह से कई लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कोई सटीक आंकड़ा नहीं बताया है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से पोस्ट किया गया, 'सुरंग ढहने और कई लोगों के घायल होने की सूचना मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल अधिकारियों को सतर्क किया है। उन्होंने जिला कलेक्टर, एसपी, फायर बिग्रेड, हाइड्रो और सिंचाई विभाग के को राहत दिलाने का निर्देश दिया है।'
हादसे के बारे में अब तक जो पता है-
- हादसा सुरंग के एंट्री पॉइंट से 14 किलोमीटर के अंदर हुआ है।
- छत का 3 मीटर का हिस्सा ढहा है।
- टनल का काम बंद बड़ा था, कुछ दिन पहले ही शुरू हुआ था।
- हादसे के आंकलन के लिए 2 टीमें सुरंग पहुंची हैं।
- हादसे के वक्त 50 मजदूर टनल के पास थे।
सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार और उनके विभाग के अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं। केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी सुरंग दुर्घटना पर जानकारी मांगी है। घटना के विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है।
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