केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को जनगणना 2027 को मंजूरी दे दी है। सरकार ने 11,718 करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित किया है। 550 दिनों तक जनगणना का काम चलेगा। इस लिहाज से हर दिन 21 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार दो चरणों में जनगणना आयोजित करेगी। इसमें लगभग 30 लाख फील्ड अधिकारी अपना योगदान देंगे। 

 

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक यह देश की पहली डिजिटल जनगणना भी होगी। इसमें डिजिटल तकनीक का भरपूर उपयोग किया जाएगा। डेटा मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से एकत्र किया जाएगा। यह एप एंड्रॉइड और आईओएस के अनुकूल होगा। 2027 में होने वाली जनगणना देश की 16वीं और आजाद भारत की आठवीं जनगणना होगी।

 

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा,'पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। 2021 में कोविड महामारी की वजह से जनगणना नहीं हो पाई। अब अगली जनगणना 2027 में होगी। भारतीय जनगणना दुनिया का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभ्यास है। इसे दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। यह जनगणना पूरे देश की आबादी को कवर करेगी'

 

 

 

 

यह भी पढ़ें: चाह कर भी कांग्रेस को नहीं छोड़ सकते अखिलेश यादव, वजह क्या है?

 

पहला चरण- हाउसलिस्टिंग और आवास जनगणना: अगले साल यानी अप्रैल से सितंबर 2026 तक हाउसलिस्टिंग और आवास जनगणना का काम चलेगा। केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। राज्य की सुविधा के आधार पर आवास गणना का काम किया जाएगा। इसमें घर कहां, घर में कौन-कौन सी सुविधाएं हैं, कितने वाहन हैं, बिजली और पानी की व्यवस्था है या नहीं, इन सभी बातों को पूछा जाएगा।

 

दूसरा चरण- जनसंख्या गणना: जनगणना का पहला चरण दूसरे फेज का आधार होगा। इसकी शुरुआत फरवरी 2027 से होगी। हालांकि लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल जैसे पहाड़ियों राज्यों में जनसंख्या गणना सिंतबर 2026 से की जाएगी। इसमें लोगों से उनकी उम्र, लिंग, शिक्षा, धर्म, मातृभाषा, सामाजिक स्थिति, जाति, प्रवास, फर्टिलिटी और व्यवसाय की जानकारी मांगी जाएगी।

 

यह भी पढ़ें: 'नियमों के हिसाब से ही...', विनेश फोगाट की वापसी पर क्या बोले कुश्ती संघ के चीफ?

 

30 लाख फील्ड कर्मचारी होंगे तैनात

आमतौर पर जनगणना का काम सरकारी शिक्षक करते हैं। इनकी नियुक्ति राज्य सरकारी करती है। तहसील, जनपद और प्रदेश स्तर पर अन्य अधिकारियों की तैनाती भी राज्य सरकार करेगी। जनगणना में 30 लाख फील्ड कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। सभी को सरकार जनगणना के लिए उचित मानदेय देगी।

 

जनगणना 2027 को सफल बनाने की खातिर करीब 18,600 तकनीकी कर्मचारियों को 550 दिनों तक तैनात किया जाएगा। इससे लगभग 1.02 करोड़ मानव-दिवस रोजगार सृजित होगा। अबकी बार सरकार का प्रयास है कि जनगणना का डेटा कस्टमाइज्ड विज़ुअलाइजेशन टूल के साथ पेश किया जाए। इसमें गांव और वार्ड स्तर के पूरा डेटा आसानी से लोग देख सकेंगे। जनगणना में इलेक्ट्रॉनिक रूप से जाति डेटा भी जुटाया जाएगा। 30 अप्रैल 2025 को राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने जनगणना 2027 में जाति गणना को शामिल करने का फैसला किया था।