पहलगाम हमले पर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपनी छानबीन में पाया है कि आतंकियों ने हमले के वक्त प्रतिबंधित चीनी फोन का इस्तेमाल किया। यह एक सैटेलाइट फोन है। इसका निर्माण चीनी कंपनी हुआवेई ने किया है। आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान या किसी अन्य देश से तस्करी करके यह फोन कश्मीर घाटी में लाए गए थे। एनआईए सैटेलाइट फोन के मामले में फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ले रही है। इसके अलावा तकनीकी खुफिया जानकारी भी जुटाई जा रही है। पश्चिमी देशों की मदद से सैटेलाइट फोन को ट्रैक करने की कोशिश भी जारी है।
 
आरोप है कि हुआवेई कंपनी के चीन की सरकार से गहरे रिश्ते हैं। भारत सरकार अपने 5जी नेटवर्क में हुआवेई और जेडटीई कंपनी के प्रोडक्ट के इस्तेमाल पर रोक लगा चुकी है। 5जी नेटवर्क के तहत हुआवेई के प्रोडक्ट भारत में प्रतिबंध हैं। दरअसल, इस कंपनी से जुड़ी विश्वसनीयता शक के घेरे में है। विवादों में रहने वाली हुआवेई पर जासूसी के भी आरोप लग चुके हैं।

 

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चीन का जासूसी हथियार है हुआवेई: अमेरिका

अमेरिका हुआवेई को चीनी सरकार का जासूसी हथियार बता चुका है। यह भी आरोप लगाया कि कंपनी के प्रोडक्ट के माध्यम से चीन सरकार जासूसी को अंजाम देती है। आरोप यहां तक हैं कि कंपनी पर चीन की सरकार का नियंत्रण हैं। भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड व कनाडा समेत दुनिया भर के कई देशों ने अपने 5G नेटवर्क से हुआवेई को बाहर कर दिया है। कंपनी के प्रोडक्ट पर बैन लगा है।

चश्मदीदों ने किए अहम खुलासे

जम्मू-कश्मीर पुलिस तीन हमलावरों के स्केच जारी कर चुकी है। इनके बारे में जानकारी देने वाले शख्स को 20 लाख रुपये देने का एलान भी किया गया है। एनआईए ने अपने एक बयान में कहा कि सबूत जुटाने के लिए फोरेंसिक टीमें घटनास्थल की तलाशी ले रही हैं। चश्मदीदों ने कई अहम खुलासे किए हैं। उन्होंने जानकारी दी है कि पांच से अधिक आतंकी वारदात में शामिल थे। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में ओवरग्राउंड वर्कर्स भी एनआईए के रडार पर हैं।

 

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26 पर्यटकों की हुई थी हत्या

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में पाकिस्तानी आतंकियों ने 25 भारतीय और एक नेपाली समेत कुल 26 लोगों की हत्या की। 20 से अधिक लोग जख्मी हुए। मामले की जांच एनआईए के हाथों में है। हमले के कुछ देर बाद ही लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इसकी जिम्मेदारी ली। मगर तीन दिन बाद अपने ही दावे से मुकर गया।